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Fortified Rice: क्या है फोर्टिफाइड राइस, लोगों को भर-भरकर बांटेगी मोदी सरकार, हेल्दी इतना कि खाने से बढ़ेगी ताकत
What is fortified rice: फोर्टिफाइड राइस पौषक तत्वों का खजाना माने हैं, इसलिए खाने के तौर पर इनका सेवन लोगों के लिए काफी हेल्दी माना जाता है. इनके सेवन से लोगों के शरीर में ताकत, खून और चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है..
What is Fortified Rice: मोदी सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को 2028 तक फोर्टिफाइड राइस बांटे जाने की योजना को मंजूरी दी है. इस ऐलान के बाद गरीबों को भर-भरकर ये चावल बांटे जाएंगे. ये चावल पौषक तत्वों का खजाना माने हैं, इसलिए खाने के तौर पर इनका सेवन लोगों के लिए हेल्दी माना जाता है. इनके सेवन से लोगों के शरीर में ताकत, खून और चुस्ती-फुर्ती बढ़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि फोर्टिफाइड राइस क्या होता है.
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क्या है फोर्टिफाइड राइस (What is Fortified Rice)
- साधारण चावल में कृत्रिम तरीके से पौषिक तत्वों को बढ़ाए जाने की प्रक्रिया को राइस फोर्टिफिकेशन कहते हैं. इस चावल को फोर्टिफाइड राइस कहा जाता है.
- 1890 में एक डच डॉक्टर आइजकमैन ने सबसे पहले चावलों में थायमिन मिलाकर राइस फोर्टिफिकेशन किया था.
- फोर्टिफाइट चावलों में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी-1 और बी-12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया जाता है.
- भारत में राइस फोर्टिफिकेशन को एक काफी अहम फैसला माना जात है, क्योंकि इससे कुपोषण से लगने में काफी मदद मिली है.
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राइस फोर्टिफिकेशन प्रॉसेस में क्यो हाता है?
- चावल को पौष्टिक बनाने के लिए ये प्रोसेस अपनाया जाता है, जिसके तहत साधारण चावल में विटामिन और खनिजों को मिलाया जाता है.
- यह प्रोसेस भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के तय मानकों के मुताबिक किया जाता है.
- चावल में विटामिन ए, विटामिन बी-12, विटामिन बी-1, आयरन, जिंक और फोलिक एसिड जैसे जरूरी तत्व शामिल किए जाते हैं.
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फोर्टिफाइड राइस खाने से क्या होता है?
- फोर्टिफाइड राइस खाने से शरीर में ताकत बढ़ती है. खून का इजाफा होता है. साथ ही इसके सेवन से शरीर में चुस्ती-फुर्ती रहती है.
- फोर्टिफिकेशन कुपोषण की समस्या से निपटने की दिशा में बड़ा कदम माना जाता है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ाता है.
- अगर गर्भवती महिला फोर्टिफाइट चावलों को खाती है, तो उसकी कोख में पहले बच्चों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट नहीं होगा.
- चूंकि इन चावलों में विटामिन B-12 भी होता है, इसलिए इसके खाने से एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है.
- विटामिन B-12 को सायनोकोबलामिन भी कहा जाता है. ये मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के कामकाज के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण होते हैं.
- वहीं, फोलेट विटामिन B-9 का प्राकृतिक रूप है जो गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड के रूप में जरूरी होता है.
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- अप्रैल 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से देशभर में चावल फोर्टिफिकेशन पहल को लागू करने का निर्णय लिया था।
- इस पहल का उद्देश्य देश में समावेशी पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना एवं एनीमिया व सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करना है।
- इस पहल के तहत सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, एकीकृत बाल विकास सेवा, पी.एम. पोषण जैसे कार्यक्रमों के तहत निःशुल्क फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराया जाता रहा है।
- चावल के फोर्टिफिकेशन में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों (लौह, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) को मिलाया जाना शामिल है।
- भारतीय संदर्भ में सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए चावल एक आदर्श खाद्य है क्योंकि भारत की 65% आबादी मुख्य भोजन के रूप में चावल का सेवन करती है।
‘राइस फोर्टिफिकेशन’ या ‘चावल पौष्टिकीकरण’
- ‘राइस फोर्टिफिकेशन’ अथवा ‘चावल पौष्टिकीकरण’ से तात्पर्य चावल में विटामिन या खनिज जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने की प्रक्रिया से है ताकि इसके पोषण मान में सुधार हो सके और न्यूनतम लागत पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया सके।
- ‘भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) फोर्टिफिकेशन को ‘खाद्यान्न में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों को विचारपूर्वक बढ़ाने के रूप में परिभाषित करता है।
- सरल शब्दों में फोर्टिफाइड राइस का तात्पर्य है पोषणयुक्त चावल। इसमें सामान्य चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है।
- राइस फोर्टिफिकेशन के लिये ‘कोटिंग’, डस्टिंग’ एवं ‘एक्सट्रूज़न’ (Extrusion) जैसी विभिन्न प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध हैं। भारत में राइस फोर्टिफिकेशन के लिये ‘एक्सट्रूज़न’ (उत्सादन) को सबसे अच्छी प्रौद्योगिकी माना जाता है।
राइस फोर्टिफिकेशन की आवश्यकता
- वर्तमान में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी या सूक्ष्म पोषक तत्वों का कुपोषण एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है, जिसे ‘छिपी हुई भूख’ भी कहा जाता है। चूंकि संतुलित आहार की कमी, आहार विविधता में कमी या भोजन की अनुपलब्धता के कारण व्यक्ति को पर्याप्त सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में फूड फोर्टिफिकेशन भोजन के पूरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- इसके आलावा विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड जैसे अन्य विटामिन व खनिज की कमी भी आबादी के समग्र स्वास्थ्य एवं उत्पादकता को प्रभावित करती है।
- भारत में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 6.8 किग्रा. प्रति माह है।
- ऐसे में चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों से फोर्टिफाइड करना गरीबों के आहार को पूरक बनाने का एक बेहतर विकल्प है।
राइस फोर्टिफिकेशन से लाभ
- लागत प्रभावी : खाद्य पदार्थों के फोर्टिफिकेशन में लाभ-लागत अनुपात बहुत अधिक है। कोपेनहेगन सर्वसम्मति के अनुसार फोर्टिफिकेशन पर व्यय किए गए प्रत्येक 1 रुपए से अर्थव्यवस्था को 9 रुपए का लाभ होता है।
- स्वास्थ्य सुधार : फूड फोर्टिफिकेशन में मुख्य खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व मिलाए जाते हैं जिसके व्यापक सेवन से यह आबादी के एक बड़े हिस्से के स्वास्थ्य को एक साथ सुधारने का एक बेहतरीन तरीका है।
- पोषण : यह लोगों के बीच पोषण को बेहतर बनाने का एक सुरक्षित तरीका है। भोजन में सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करने से लोगों के स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता है।
- स्वीकार्यता : फोर्टिफिकेशन से लोगों के खाने के पैटर्न या भोजन की आदतों में किसी भी तरह के बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है। यह लोगों तक पोषक तत्व पहुँचाने का एक सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीका है।
फोर्टिफाइड राइस में शामिल पोषक तत्व
- एक किग्रा. फोर्टिफाइड राइस (Fortified rice) में आयरन (28-42.5 मिग्रा.), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है।
- साथ ही, एफ.एस.एस.ए.आई. ने जिंक (10-15 मिग्रा.), विटामिन-ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी-1 (1-1.5 मिग्रा.) विटामिन बी-2 (1.25-1.75 मिग्रा.), विटामिन बी-3 (12.3-20 मिग्रा.) और विटामिन बी-6 (1.5-2.5 मिग्रा.) से भी चावल को फोर्टिफाइड करने की दिशानिर्देश जारी किया है।
फोर्टिफिकेशन संबंधी चिंताएं
- ‘सतत् और समग्र कृषि हेतु गठबंधन’ (ASHA) ने कई नकारात्मक परिणामों को आधार बनाते हुए एफ.एस.एस.ए.आई. से खाद्य तेल और चावल के फोर्टिफिकेशन पर पुनर्विचार करने को कहा है।
- इस निर्णय से असहमत होने का एक प्राथमिक कारण फोर्टिफाइड चावल के लाभों की प्रमाणिकता का अभी तक सिद्ध न होना भी है। साथ ही, आशा के शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि चावल के फोर्टिफिकेशन से रक्ताल्पता होने के जोखिम में बहुत कम या लगभग न के बराबर अंतर आया है।
- साथ ही, फोर्टिफाइड चावल के अधिक सेवन को लेकर भी चिंताएँ हैं। फ़ूड फोर्टिफिकेशन और ‘आयरन टैबलेट सप्लिमेंटेशन’ से महिलाओं के शरीर में लौह तत्वों की अधिकता हो सकती है।
- आर्थिक रूप से देखा जाए तो यह कदम बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिये एक सुनिश्चित बाज़ार (Assured Market) का निर्माण करेगा, जिससे भारत में चावल और तेल प्रसंस्करण की छोटी इकाइयों के लिये खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
- तीसरा कारण यह है कि इस तरह के कदम से जैव विविधता के नष्ट होने का खतरा होता है, जो मोनोकल्चर में वृद्धि और मृदा स्वास्थ्य को कम करेगा।
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क्या होता है फोर्टिफाइड चावल?
Mon, 14 October 2024
भारत सरकार ने गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत साल 2028 तक फोर्टिफाइड चावल बांटने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है
फोर्टिफाइड चावलों को भी साधारण चावलों की तरह ही बनाया जाता है
हालांकि, साधरण चावल और फोर्टिफाइड चावलों में एक फर्क केवल यह होता है कि इसमें पोषक तत्वों को कृत्रिम तरीकों से बढ़ाया जाता है
फोर्टिफाइड चावलों में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-1, बी-2, जिंक आदि जरूरी पोषक तत्वों को मिलाया जाता है
देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने की दिशा में फोर्टिफाइड चावल एक बड़ा कदम है
5 हजार रुपये निवेश करके इस तरह इकट्ठा कर सकते हैं 2.2 करोड़
क्या होता है फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) और कैसे तैयार होता है
फोर्टिफाइड राइस का मतलब है, पोषणयुक्त चावल. इसमें आम चावल की तुलना में आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक है. इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, विटामिन बी वाले फोर्टिफाइड राइस भी विशेष तौर पर तैयार किए जा सकते हैं. Fortified rice को आम चावल में मिलाकर खाया जाता है. Fortified rice देखने में बिल्कुल आम चावल जैसे ही लगते हैं. इनका स्वाद भी बेहतर होता है. भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर FSSAI के मुताबिक Fortified rice खाने से भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
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फोर्टिफाइड राइस कैसे तैयार किया जाता है?
फोर्टिफाइड चावलों को मिलों में बनाया जाता है. इस दौरान इनमें सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन (उत्सारण) जैसी तकनीक अमल में लाई जाती हैं. पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. पानी के साथ इन्हें अच्छे से मिक्स किया जाता है. फिर मशीनों की मदद से सुखाकर इस मिक्स्चर को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहा जाता है. तैयार होने के बाद इन्हें आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के नियम कहते हैं कि इसे 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है, मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाए जाते हैं.
फोर्टिफाइड राइस में कौन से पोषक तत्व होते हैं?
एक किलो फोर्टिफाइड राइस (Fortified rice) में आयरन (28-42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके साथ ही FSSAI ने जिंक (10-15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी) विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की है. एक बार तैयार होने के बाद Fortified rice को 12 महीने तक खाया जा सकता है.
फोर्टिफाइड चावल को कैसे पहचानें?
फोर्टिफाइड चावल की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होती. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकेट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावल को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावल की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.
Fortified Food क्या है? Fortified Food Meaning in Hindi
भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी के मुताबिक फोर्टिफिकेशन का मतलब किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का मिलावट करना है. इससे उस खाद्य पदार्थ की पोषक क्षमता बढ़ जाती है और स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को कम करते हुए लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाने की पहल की जाती है.
आपने तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के जरिए पोषक तत्व तो खूब अवशोषित के होंगे, लेकिन क्या आर्टीफीशियल पोषक तत्वों (Artificial Nutrients) का सेवन किया है। क्या आप जानते हैं फूड फॉर्टिफिकेशन (Food Fortification) और फॉर्टीफाइड फूड (Fortified Food) क्या है। इससे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं। सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे कि आर्टीफीशियल तरीके से पोषक तत्व कैसे डाले जाते हैं, लेकिन इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है। इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड करते समय इनमें पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि फूड फॉर्टीफिकेशन क्या है और फॉर्टीफाइड फूड किन वर्गों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। शरीर में किसी भी पौष्टिक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए फूड फॉर्टिफिकेशन एक बहुत ही अच्छा तरीका माना जाता है। सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी के कारण बहुत से लोग बीमार होते हैं और मृत्यु को प्राप्त होते है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में करीबन दो अरब लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों (Micro Nutrients) की कमी का शिकार होते है।
क्या है फूड फॉर्टिफिकेशन -What is Fortified Food
फूड फॉर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें खाद्य पदार्थो में आर्टिफिशियल तरीके से पौष्टिक तत्वों को डाला जाता है। जैसे नमक में आयोडीन (Iodine in Salt) मिलाया जाता है उसी प्रकार किसी भी खाद्य पदार्थ की प्रोसेसिंग के समय जब उसके अंदर के प्राकृतिक पोषण नष्ट हो जाते हैं, तो उसमें ज़रूरी होता है कि उपर से पोषण मिलाया जाए। फूड फॉर्टिफिकेशन WHO और FAO की दुनिया भर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने की एक नीति है। फूड फॉर्टिफिकेशन एक ज़रूरी प्रक्रिया है। कई बार हम केवल एक तरह का खान पान करते है और डाइट में अन्य पोषण तत्वों को शामिल ही नहीं करते। ऐसे में हम किसी ना किसी पोषण की कमी के शिकार हो जाते है। धूप जब त्वचा पर पड़ती है तो वह विटामिन डी बनाती है।
फोर्टिफाइड का मतलब क्या होता है? – Fortified Meaning in Hindi
(एक स्थान का) रक्षात्मक कार्यों के साथ हमले के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। एक प्रकार की शराब को अस्वीकार करना, जिसमें आत्माओं को जोड़ा गया है ताकि पोर्ट, शेरी या इसी तरह के पेय का उत्पादन किया जा सके। (भोजन के) में विटामिन या अन्य पूरक शामिल थे ताकि पोषण मूल्य में वृद्धि हो सके।
- भोजन में विटामिन या अन्य पूरक शामिल थे ताकि पोषण मूल्य में वृद्धि हो सके।
- गढ़ या किलेबंदी के साथ सुरक्षित
- ताकत बढ़ाने के लिए कुछ जोड़ा
- एक सैन्य टकराव के लिए खुद को तैयार करें
- मजबूत बनाना
- रक्षात्मक कार्यों के साथ हमले के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
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आम चावल और फोर्टिफाइड में फर्क कैसे करें?
खाद्य मंत्रालय का मिलों को निर्देश है कि फोर्टिफाइड चावलों की लंबाई 5 मिलीमीटर और चौड़ाई 2.2 मिलीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसे में ये दिखने में आम चावल जैसे ही लगते हैं. हालांकि सरकार ने इन चावलों की अलग से पहचान का भी इंतजाम किया है. इनके पैकिट पर +F का लोगो बना रहता है और लिखा भी रहता कि इसे फोर्टिफाइड किया गया है. फोर्टिफाइड चावलों को पकाने के लिए भी कोई अलग तरीका नहीं अपनाना पड़ता. आम चावलों की तरह इन्हें धोकर उबालकर पकाकर खाया जा सकता है.
फोर्टिफाइड चावल खाने से क्या फायदा होता है?
फोर्टिफाइड चावल में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 से 42.5 मिलीग्राम), फॉलिक एसिड (75 से 125 माइक्रोग्राम), विटामिन बी12 (0.75 से 1.25 माइक्रोग्राम) होता है. इसके अलावा FSSAI ने जिंक (10 से 15 मिलीग्राम), विटामिन ए (500-700 माइक्रोग्राम), विटामिन बी1 (1-1.5 एमजी). विटामिन बी2 (1.25-1.75 एमजी), विटामिन बी3 (12.3-20 एमजी) और विटामिन बी6 (1.5-2.5 एमजी) से भी चावलों को फोर्टिफाइड करने की गाइडलाइंस जारी की हैं. एक बार तैयार होने के बाद इसे 12 महीने तक खाया जा सकता है.
गढ़वाले चावल की गुठली – Fortified Rice Kernels
चावल का मतलब क्या है rice meaning in hindi.
चावल पूरे विश्व में 2nd नंबर पर सबसे ज्यादा उगाये जाने वाला अन्न है। दुनिया का करीब 20% चावल भारत में उगाया जाता है। दुनिया भर में चावल की 40,000 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। विश्व स्तर पर पहले स्थान पर China और India दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा चावल (Rice) का उत्पादन करता है।
उत्तर भारत में चावल खाने का आवश्यक अंग है तो South India में यह मुख्य भोजन के रूप में प्रयोग होता है। संस्कृत भाषा में कच्चे चावल को तंडुल और पके चावल को ओदन कहा जाता है।
QOOT ने हाल ही में भारत में गढ़वाले चावल (FRK) के निर्माण के लिए एक अत्याधुनिक विनिर्माण संयंत्र की स्थापना की है। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मध्याह्न भोजन और अन्य आंगनवाड़ी योजनाओं जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में उपयोग किए जाने वाले सभी चावल में आयरन, विटामिन बी12 और बी6 (फोलिक एसिड) होना चाहिए, हम राजस्थान और उत्तर भारत में गढ़वाले चावल के अग्रणी निर्माता हैं, हमारे फोर्टिफाइड चावल को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा विधिवत प्रमाणित किया जाता है और हम फोर्टिफाइड चावल के निर्माण और आपूर्ति के सभी मानकों को पूरा करते हैं। हम पहले से ही भारत में कई राज्यों को आपूर्ति कर रहे हैं और हमने डब्ल्यूएचओ विनिर्देश के अनुसार निर्यात के लिए फोर्टिफाइड चावल का निर्माण भी किया है। तो कृपया हमसे संपर्क करें यदि आप भारत में एक भरोसेमंद गढ़वाले चावल निर्माता की तलाश में हैं, हम पोषक तत्वों, खनिजों को अनुकूलित कर सकते हैं
कूट खाद्य उत्पाद – गढ़वाले चावल, स्नैक्स और कुकीज़, हम पोषक तत्वों, खनिजों को अनुकूलित कर सकते हैं
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प्रश्न: फोर्टिफाइड चावल में कौन से विटामिन मौजूद होते है ?
उत्तर – विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक सभी पोषक तत्व फोर्टिफाइड चावल में पाए जाते है।
प्रश्न: गढ़वाले चावल के क्या फायदे हैं?
उत्तर – खाद्य मंत्रालय के अनुसार, आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिए चावल का फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी और पूरक रणनीति है। FSSAI के मानदंडों के अनुसार, 1 किलो फोर्टिफाइड चावल में आयरन (28 mg-42.5 mg), फोलिक एसिड (75-125 माइक्रोग्राम) और विटामिन B-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम) होगा।
प्रश्न: चावल दृढ़ कैसे होता है?
उत्तर – वर्तमान में, चावल को भारत में तीन तकनीकों – कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूज़न का उपयोग करके दृढ़ किया जाता है। लेप: अनाज में जो पोषक तत्व मिलाना होता है, उसमें मोम या गोंद मिला दिया जाता है। इस मिश्रण को 1:100 के अनुपात में पॉलिश किए हुए चावल के साथ छिड़का जाता है और मिश्रित किया जाता है।
प्रश्न: गरिष्ठ चावल कौन खा सकता है?
उत्तर – चावल भारत के प्रमुख खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसका सेवन लगभग दो-तिहाई आबादी करती है। भारत में प्रति व्यक्ति चावल की खपत 6.8 किलोग्राम प्रति माह है। इसलिए, सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ चावल को मजबूत करना गरीबों के आहार को पूरक करने का एक विकल्प है।
प्रश्न: गढ़वाले चावल की कीमत क्या है?
उत्तर – गढ़वाले चावल के लिए छवि परिणाम सफेद गढ़वाले चावल, खन्ना में बैग 60 रुपये/किलो
प्रश्न: चावल और गढ़वाले चावल में क्या अंतर है?
उत्तर – चावल को मिलिंग प्रक्रिया में खोए सूक्ष्म पोषक तत्वों को फिर से भरने के लिए विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों को जोड़कर अधिक पौष्टिक बनाया जा सकता है और इसके पोषण मूल्य को सुदृढ़ किया जा सकता है। गढ़वाले चावल को पोषण संबंधी जरूरतों के आधार पर समायोजित किया जा सकता है और चावल की विभिन्न किस्मों के समान बनाया जा सकता है।
प्रश्न: क्या आपको गरिष्ठ चावल धोना चाहिए?
उत्तर – अपने चावल को धोने के लिए पहला स्पष्ट ‘नहीं’ है यदि आप समृद्ध चावल का उपयोग कर रहे हैं, आप अपने पैक की सामग्री की जांच करके जानते हैं कि क्या आप चावल की इस किस्म का उपयोग कर रहे हैं। यदि यह चावल के साथ-साथ पोषक तत्वों की सूची दोनों को सूचीबद्ध करता है, तो आप जानते हैं कि निर्माता ने चावल को समृद्ध किया है।
प्रश्न: सफ़ेद चावल के फायदे क्या है?
उत्तर: सफेद चावल खाने से डायरिया, पेचिश, कोलाइटिस जैसे पेट के रोगों में भी आराम पहुंचता है। सफेद चावल भारत में सबसे ज्यादा खाया जाता है। सफेद चावल चावल बनने में समय कम लेता है और आसानी से पच भी जाता है।
प्रश्न: ब्राउन राइस के फायदे क्या है?
उत्तर: ब्राउन राइस में ज्यादा फाइबर, ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं जोकि सेहत सही रखते हैं। ब्राउन राइस में कम स्टार्च (Low Starch) और कम कैलोरी होती हैं। वजन कम करने में ब्राउन राइस खाना लाभदायक है क्योंकि ये Low-carb, Low-calorie और High nutrients युक्त होता है। ब्राउन चावल में पाए जाने वाला प्राकृतिक तेल शरीर में बढे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में सहायक है। ब्राउन राइस कई फायदेमंद गुणों से युक्त है तभी तो आजकल यह काफी ज्यादा उपयोग किया जा रहा है।
प्रश्न: तिन्नी का चावल के फायदे या लाल चावल के फायदे क्या है?
उत्तर: तिन्नी चावल खाने से शरीर में इन्सुलिन और ब्लड शुगर संतुलित रहता है। तिन्नी चावल का लाल रंग इसमें पाए जाने वाले भरपूर लौह तत्व की वजह से होता है। तिन्नी चावल या लाल चावल में पाए जाने वाला विटामिन B6 लाल रक्त कणिकाओं को बनाने और सेरोटोनिन निर्माण को संतुलित करने में सहायक है.
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क्या होता है फोर्टिफाइड चावल और कैसे तैयार होता है जिसे केंद्र सरकार बांटकर कुपोषण और एनीमिया से लड़ेगी
What is fortified rice: केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को 2024 तक मिड-डे-मिल सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बांटने की मंजूरी दी. क्या होता है फोर्टिफाइड राइस, ये कैसे तैयार होते हैं और इनसे कितना फायदा होगा 5 पॉइंट्स में जानिए इन सवालों के जवाब.
कुपोषण ( Malnutrition ) और एनीमिया को खत्म करने के लिए राशन की दुकानों पर 100 फीसदी फोर्टिफाइड राइस ( Fortified Rice ) बांटा जाएगा. केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को 2024 तक मिड-डे-मिल ( Mid Day Meal ) सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बांटने की मंजूरी दी. इस योजना पर करीब 4,270 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह फैसला बच्चों में पोषक तत्वों और महिलाओं में खून की कमी को देखते हुए लिया गया है. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में हर दूसरी महिला में खून की कमी और तीसरा बच्चा कमजोरी से जूझ रहा है. सरकारी योजनाओंं के जरिए फोर्टिफाइड चावल को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा.
क्या होता है फोर्टिफाइड राइस, ये कैसे तैयार होते हैं और इनसे कितना फायदा होगा? 5 पॉइंट्स में जानिए इन सवालों के जवाब
- आसान भाषा में समझें तो फोर्टिफाइड राइस का मतलब है पोषणयुक्त चावल. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मुताबिक, जब किसी खाने की चीज में अलग से पोषक तत्व शामिल किए जाते हैं तो इन्हें फोर्टिफाइड फूड कहते हैं. ऐसे फूड में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाई जाती है और कुपोषण और एनीमिया जैसी दिक्कतों से राहत पाई जा सकती है.
- चावल को कैसे फोर्टिफाइड किया जाएगा, अब इसे समझ लेते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है, देश में ऐसी कई तकनीक हैं जिससे चावल को पोषणयुक्त बनाया जा सकता है. इन तकनीक की मदद से इनमें माइक्रोन्यूट्रिएंट की संख्या और मात्रा को बढ़ाया जा सकता है जो सभी के लिए जरूरी हैं. फोर्टिफाइड चावल को तैयार करने के लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
- चावल पर पोषक तत्वों की एक पर्त चढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा इसे पीसकर इनमें सूक्ष्म तत्वों को मिलाया जाता है फिर इसे मशीन की मदद से चावल का आकार देकर सुखाया जाता है. इसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) कहते हैं. इसे तैयार करने के बाद आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के मुताबिक, 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है.
- यह चावल देखने में भले ही आम चावल की तरह ही दिखते हों लेकिन इनमें कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो इंसान की सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं. दूसरे आम चावल की तुलना में इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड ज्यादा होता है. इसके अलावा इनमें विटामिन-ए, बी और जिंक भी पाया जाता है. इसके जरिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी दूर होती है.
- फोर्टिफाइड चावल को तैयार करने के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती. इस साफ करने के बाद उसी तरह पकाया जाता है जैसे सामान्य चावल बनाते हैं. खास बात है कि पकने के बाद न तो इसके आकार में कोई बड़ा बदलाव दिखता है और न इसके पोषक तत्वों में कोई कमी आती है.
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- India Today
- Cosmopolitan
- Harper's Bazaar
- Reader’s Digest
Explained: क्या है फोर्टिफाइड चावल? कैसे इससे कुपोषण के खिलाफ लड़ी जाएगी जंग, क्यों हो रहा विरोध, हर सवाल का जवाब
दुनिया भर में कुपोषण को दूर करने के संभावित समाधान के रूप में fortified rice को पेश किया गया है. भारत में भी सरकार ने राशन से लेकर मिड डे मील तक, आम जन को वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न में फोर्टिफाइड चावल को शामिल किया है. मगर इस फैसले का विरोध बताता है कि इसे अभी फायदे और नुकसान की कसौटी पर कसना जरूरी है..
- Jun 22, 2023,
- Updated Jun 22, 2023, 4:37 PM IST
सरकार भले ही फोर्टिफाइड चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों की 'किलेबंदी' से लैस बताकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शुमार कर रही हो, मगर इसके इस्तेमाल से होने वाले नफा नुकसान पर अभी भी पुरजोर बहस जारी है. इसके मद्देनजर फोर्टिफाइड चावल को भारी विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार National Food Security Act के तहत 'Rice Fortification Scheme' संचालित कर रही है. इस योजना में सामान्य चावल की अपेक्षा सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त फोर्टिफाइड चावल के उपभोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार की दलील है कि भारत में चावल मुख्य भोजन है, इसलिए इसे शरीर के लिए विटामिन और खनिज से भरपूर जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध करके हर नागरिक को पोषण युक्त भोजन मुहैया कराने के लिए फोर्टिफाइड चावल को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस कवायद का उद्देश्य भोजन में पोषण के स्तर को सुधारना है, खासकर कम उपजाऊ इलाकों में, जहां खाद्यान्न में पोषक तत्वों की कमी होती है. इस कमी को फोर्टिफाइड चावल से दूर करना है. इसके इतर एक तबका ऐसा भी है, जो सरकार की इस कवायद को कुछ कंपनियों के हित साधने का माध्यम बता कर जीएम क्रॉप की तर्ज पर इसका विरोध कर रहा है.
सियासी विरोध भी शुरू
फोर्टिफाइड चावल को लेकर सामाजिक संगठनों के विरोध के बीच देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हाल ही में फोर्टिफाइड चावल का यह कहते हुए विरोध किया कि सरकार ने कुछ कंपनियों के हित साधने के लिए राइस फोर्टिफिकेशन स्कीम शुरू की है. कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने फोर्टिफाइड चावल को नफा नुकसान की कसौटी पर कसे बिना ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस में शामिल कर लिया.
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ज्ञात हो कि भारत में आजादी के बाद खाद्यान्न के मुख्य स्रोत के रूप में शामिल किए गए गेहूं के इस्तेमाल को भी मधुमेह का कारण बताने वाली अध्ययन रिपोर्ट अब प्रमुखता से प्रकाशित हो रही हैं. ऐसे में कृषि उपज पर वैज्ञानिक प्रयोगों के मुखर विरोधी रहे प्रकृतिवादी विचारक फोर्टिफाइड चावल के फायदे और नुकसान, दोनों पहलुओं के बारे में खुल कर चर्चा कर लोगों को इस बारे में जागरुक करने की वकालत कर रहे हैं. इनकी दलील है कि सरकार को पीडीएस के मार्फत गरीबों को जबरन फोर्टिफाइड चावल खिलाने के बजाए इसे खुले बाजार में उतार कर छोड़ देना चाहिए. जिससे अपनी मर्जी से जिसे इस चावल को खाना हो वह अपनी जरूरत के मुताबिक इसका इस्तेमाल कर लेगा.
क्या होता है फोर्टिफाइड चावल
'फोर्टिफाइड' शब्द का अर्थ किसी विषय वस्तु की किलेबंदी करना या सुरक्षा उपायों से लैस करना होता है. इससे स्पष्ट है कि चावल को अतिरिक्त पोषक तत्वों से लैस करने की प्रक्रिया काे 'राइस फोर्टिफिकेशन' कहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा करने से चावल बेहतर पोषण मूल्य यानी High Nutrition Value से लैस हो जाता है.
इस प्रक्रिया में चावल को आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन ए और जिंक जैसे प्रमुख पोषक तत्वों से समृद्ध किया जाता है. यह काम राइस मिल में ब्लैंडिंग प्रोसेस से होता है. इससे चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जाता है.
क्यों जरूरी है ‘फोर्टिफाइड राइस’
जानकारों का मानना है कि आमतौर पर मिलिंग और प्रोसेसिंग प्रक्रिया के दौरान चावल में मौजूद वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परत भी हट जाती है. वहीं ब्लैंडिंग प्रोसेस से तैयार होने वाले फोर्टिफाइड राइस में प्रोसेसिंग के दौरान ये सभी गुण सुरक्षित रहते हैं.
इसके अलावा विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए जैसे तत्वों को संरक्षित कर ब्लेंडिंग प्रक्रिया के जरिए सूक्ष्म पोषक तत्वों को संवर्धित किया जाता है. यही कारण है कि देश में एनीमिया समेत कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जड़ से निराकरण करने के लिए फोर्टिफाइड राइस के उपभोग को बढ़ावा देने को, सरकार समय की मांग बताते हुए प्रोत्साहित कर रही है. इसीलिए राइस फोर्टिफिकेशन योजना के जरिए देश में इसके वितरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है.
फोर्टिफाइड चावल के नुकसान
फोर्टिफाइड चावल का विरोध करने वाले लोग इसके उत्पादन में तकनीकी और ढांचागत चुनौतियाें को इसके प्रसार की राह में सबसे बड़ी चुनौती बता रहे हैं. इनकी दलील है कि फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन और वितरण के लिए पर्याप्त बुनियादी ढाँचे और तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है.
जानकारों की दलील है कि बड़े पैमाने पर राइस फोर्टिफिकेशन योजना को लागू करने से इसकी गुणवत्ता काे बरकरार रखना, समान पोषक तत्वों की मौजूदगी को सुनिश्चित करना और अतिरिक्त सूक्ष्म पोषक तत्वों की स्थिरता बनाए रखना लगभग असंभव सा काम है. जिसे भारत जैसे देश में करना मुमकिन नहीं है. ये जटिलताएं इसकी कीमत को बढ़ाती हैं.
सेहत को नुकसान पहुंचाने की दलीलें
कांग्रेस ने पीडीएस में फोर्टिफाइड राइस के वितरण को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने दलील दी है कि पोषण पर नीति आयोग के राष्ट्रीय तकनीकी बोर्ड के सदस्य, प्रो. अनुरा कुरपड ने उन बच्चों में सीरम फेरिटिन के स्तर में वृद्धि देखी, जिन्हें आयरन-फोर्टिफाइड चावल दिया गया था. सीरम फेरिटिन मधुमेह के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है. डॉ कुरपड ने पहले भी आयरन-फोर्टिफाइड चावल से मधुमेह का खतरा बढ़ने के जोखिमों के बारे में आगाह किया था.
जानकारों का कहना है कि सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पीडीएस में जिस फोर्टिफाइड चावल को दे रही है उसमें 20 एमजी आयरन है. भारत में पहले से ही दुनिया में मधुमेह रोगियों की कुल संख्या का 17 फीसदी हिस्सा है और इसे दुनिया की 'मधुमेह राजधानी' के रूप में जाना जाता है. उनका दावा है कि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने बच्चों के स्वास्थ्य पर आयरन-फोर्टिफाइड चावल के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है.
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इनके लिए खतरनाक है फोर्टिफाइड चावल
कांग्रेस ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक के हवाले से भी आगाह किया कि फोर्टिफाइड चावल आयरन से लैस है, इसलिए इसका सेवन उन लोगों के लिए उचित नहीं है जिन्हें थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और टीबी जैसी बीमारियां हैं. इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को आयरन की अतिरिक्त मात्रा नहीं दी जाती है. कम आय वर्ग के लोगों में ये रोग ज्यादा प्रभावी हैं, इसलिए इस तबके को फोर्टिफाइड चावल का लाभार्थी बनाना खतरनाक साबित होगा.
निष्कर्ष के तौर पर इतना तो कहा जा सकता है कि फोर्टिफाइड चावल में समाहित किए जाने वाले तत्वों की कमी वाले तबकों और इलाकों को चिन्हित कर इसके उपयोग को प्रोत्साहित करना लाभप्रद साबित हो सकता है. मगर पूरे देश में एक समान मानकों पर आधारित फोर्टिफाइड चावल का वितरण करना किसी भी लिहाज से सार्वभौमिक हित की पूर्ति नहीं कर सकेगा. ऐसे में सरकार को सभी पहलुओं पर गंभीरता पूर्वक विचार कर इस फैसले को अमल में लाना चाहिए.
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कुपोषण मुक्त भारत के लिए पीएम मोदी की बड़ी योजना है फोर्टिफाइड राइस, जानें क्या है ये और इसे खाने के फायदे
- Written by : Pallavi Kumari
- Updated at: Aug 31, 2021 17:42 IST
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index), जो कि दुनिया भर में भूख और कुपोषण को लेकर देशों की रैंकिंग करता है उसमें भारत कुल 107 देशों में 94 पायदान पर है। यानी कि भारत में अब भी एक बड़ी आबादी भुखमरी से पीड़ित है और कुपोषित है। इसे देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कुपोषण से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने गरीब महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए घोषणा की है कि 2024 तक राशन की दुकानों से लेकर मिड डे मील तक में सभी को फोर्टिफाइड चावल वितरित (fortified rice distribution scheme) किए जाएंगे। पर क्या आप जानते हैं कि फोर्टिफाइड राइस (fortified rice in hindi) क्या है, कैसे बनता है और इसे खाने के क्या फायदे हैं। आइए हम आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से।
फोर्टिफाइड चावल क्या है -What is fortified rice in hindi?
फोर्टिफाइड चावल कैसे बनता है.
चावल के फोर्टिफिकेशन में कोटिंग और डस्टिंग जैसे कई तकनीकों की मदद ली जाती है। जैसे कि अनाज को पीस कर उसनें ऊपर से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलाए जाते हैं। यही चावल के साथ भी किया जाता है। इसमें चावल को पीसकर पाउडर तैयार कर इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जोड़े जाते हैं। उसके बाद इस फोर्टिफाइड चावल के मिश्रण को फिर से चावल के आकार में बदला जा सकता है, जिसे ‘फोर्टिफाइड राइस कर्नेल’ (FRK) कहा जाता है। इस परियोजना के तहत फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) को सामान्य चावल के साथ 1: 100 के अनुपात में मिलाया जाता है और इसके बाद इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public distribution system) और मिड डे मील (mid day meal scheme) के तहत लोगों में बांटा जाएगा।
फोर्टिफाइड चावल की न्यूट्रिशनल वैल्यू
- -28 mg-42.5 mg आयरन
- -75-125 mg फोलिक एसिड
- -0.75-1.25 mg विटामिन B-12
- -10-15 mg जिंक
- - विटामिन ए
- -विटामिन बी-6
फोर्टिफाइड चावल खाने के फायदे- fortified rice benefits
1. कुपोषण दूर करने में मददगार, 2. एनीमिया दूर करेगा, 3. इम्यूनिटी बूस्टर है.
फोर्टिफाइड चावल इम्यूनिटी बूस्टर भी है क्योंकि इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी और जिंक है जो कि इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद करता है। इसमें फोलिक एसिड भी होता है जो कि महिलाओं के लिए सबसे जरूरी न्यूट्रिएंट है। फोलिक एसिड के फायदे की बात करें, तो शरीर की हर कोशिका के विकास में मदद करती है। ये रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है जो कि फेफड़ों से शरीर के बाकी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाती है और शरीर को अंदर से स्वस्थ रखती है। इस तरह ये शरीर के सभी सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करती है।
फोर्टिफाइड चावल कैसे खाया जाता है?
- - पकाने से पहले चावल को सामान्य तरीके से साफ करें।
- -पानी में अच्छे से धो लें और फिर चावल की मात्रा के अनुसार पानी डाल कर इस चावल को पकाएं और खाएं।
तो, इस तरह फोर्टिफाइड चावल भारत को कुपोषण से लड़ने में मदद कर सकता है। तो, उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री की ये योजना सफल हो और भारत जल्द से जल्द कुपोषण और भुखमरी से लड़कर एक स्वस्थ देश के रूप में उभर कर सामने आए।
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हाई प्रोटीन डाइट में क्या खाएं और क्या नहीं? एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और नुकसान
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।
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- # फोर्टिफाइड चावल
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भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री की योजना फोर्टिफाइड राइस वितरण की है, जाने इसके खाने के फायदे क्या क्या है
ग्लोबल हंगर इंडेक्स ( वैश्विक भुखमरी सूचकांक ) दुनियाभर में भूख और कुपोषण को लेकर विभिन्न देशों की रैंकिंग करता है। इस रैंकिंग में भारत 107 देशों की सूची में 94 वें स्थान पर है। अर्थात हम कह सकते हैं कि भारत की एक बड़ी आबादी भुखमरी और कुपोषण से पीड़ित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 75 वे स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भारत को कुपोषण से स्वतंत्र कराने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में गरीब महिलाओं एवं बच्चों को कुपोषण तथा आवश्यक पोषक तत्व की कमी को दूर करने के लिए घोषणा करते हुए कहा था कि साल 2024 तक राशन दुकानों से लेकर मिड डे मील तक हर जगह फोर्टीफाइड चावल वितरित किया जाये।
लेकिन आज भी बहुत सारे लोग यह नहीं जानते हैं कि फोर्टीफाइड राइस क्या होता है? इसे कैसे बनाते हैं और इसको खाने से क्या लाभ मिलता है? आइए जानते हैं फोर्टीफाइड राइस के बारे में विस्तार से –
फोर्टिफाइड राइस क्या है? ( What is Fortified Rice in Hindi ) :-
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अनुसार फोर्टिफाइड राइस का मतलब है भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ाना। जिससे भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो और शरीर को सभी पोषक तत्व मिल जाए।
जिससे शरीर कुपोषण से दूर रहे। आसान भाषा में कहें तो फोर्टीफाइड राइस में अनाज को पीसकर ऊपर से पोषक तत्व को मिलाया जाता है। इसी तर्ज पर फोर्टीफाइड नियम के तहत चावल में माइक्रो न्यूट्रिशन को जोड़ने की प्रक्रिया भी की जाती है।यह पोषक तत्व आवश्यकता को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं।
फोर्टीफाइड चावल कैसे बनता है? ( How is fortified rice made in Hindi ):-
फोर्टीफाइड चावल में कोडिंग और डस्टिंग जैसी कई तकनीकों की मदद लेकर इसे बनाया जाता है। जैसे अनाज को पीसकर उसके ऊपर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलाए जाते हैं चावल के साथ प्रोसेस किया जाता है।
इसमें चावल को पीसकर पहले पाउडर तैयार करते हैं और इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जोड़ते हैं। बाद में फोर्टीफाइड चावल के मिश्रण को फिर से चावल के आकार में बदल दिया जाता है।
इसे ही फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है। इस परियोजना के तहत फोर्टिफाइड राइस सामान्य चावल में 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है। अब इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम) और मिड डे मील के तहत लोगों को बांटा जाना है।
फोर्टिफाइड चावल की न्यूट्रिशन वैल्यू ( Nutrition value of fortified rice in Hindi ) :-
FSSAI के अनुसार एक किलो फोर्टिफाइड चावल में न्यूट्रिशन –
- 28 mg – 42.5 mg आयरन
- 75 – 124 mg फोलिक एसिड
- 0.75 – 1.25 mg विटामिन B12
- 10 – 15 mg जिंक
फोर्टीफाइड चावल के फायदे ( Benefits of fortified rice in Hindi ) :-
कुपोषण रहता है दूर –
भारत की महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा पाया जाता है। ऐसे में इस चावल के सेवन से महिलाओं और बच्चों के कुपोषण को दूर किया जा सकता है।
फोर्टीफाइड चावल के जरिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी को दूर किया जाएगा और इससे होने वाली बीमारियां भी दूर रहेंगी। शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी6, जिंक, फोलिक एसिड जैसे तत्वों की आपूर्ति होगी जिससे शारीरिक और मानसिक दोनों विकास बेहतर ढंग से होगा।
खून की कमी होगी दूर –
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में हर दूसरी महिला आज खून की कमी अर्थात एनीमिया की शिकार है। भारत में हर तीसरा बच्चा अविकसित है। ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फोर्टिफाइड चावल विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
जिससे महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी को दूर किया जा सके। आयरन की कमी की वजह से ड्राई स्किन, सफेद बाल, नाखूनों का सफेद होना। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं की मृत्यु जैसी घटनाएं हो जाती हैं।
एनेमिक मां से बच्चे का दिमाग और शरीर दोनों कमजोर रहता है। इसलिए फोर्टिफाइड चावल के सेवन से महिलाओं एवं बच्चों में आयरन की कमी को दूर किया जा सकेगा।
इम्यूनिटी करता है बूस्ट –
फोर्टीफाइड चावल का इस्तेमाल कर से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। अर्थात इम्यूनिटी बूस्टर की तरह फोर्टीफाइड चावल काम करता है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी, जिंक जैसे तत्व होते हैं। जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और शरीर बीमारियों से बचा रहता है। फोलिक एसिड महिलाओं के लिए सबसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स माना जाता है।
फोलिक एसिड शरीर की कोशिकाओं का विकास करता है। यह रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है। जिससे फेफड़ा शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम होता है और शरीर अंदरुनी रूप से स्वस्थ बनता है। इस तरह से फोलिक एसिड हमारे शरीर के सभी सेल्स को स्वस्थ बनाता है।
फोर्टीफाइड चावल कैसे खाया जाता है ( How to eat fortified rice in Hindi ) :-
फोर्टीफाइड चावल के नाम से ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि यह सामान्य चावल से अलग है। इसलिए इसे अलग तरीके से खाया जाता होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है यहां नॉर्मल चावल की तरह ही खाया जाता है।
इसे पकाने के लिए भी किसी विशेष प्रक्रिया की जरूरत नहीं होती है। बस फोर्टीफाइड चावल को बनाने के लिए बनाने से पहले सामान्य चावल की तरह अच्छे से साफ करें। स्वच्छ पानी में इसे अच्छे से धो लें। चावल की मात्रा के अनुसार पानी डालें और पकाएं।
फोर्टीफाइड चावल में पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से यह कुपोषण से लड़ने में मददगार है। इसी उम्मीद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में फोर्टीफाइड चावल वितरित करने की योजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली व मिड डे मील के तहत बनाई है। जिससे भारत कुपोषण और भुखमरी से लड़ सके और दुनिया के सामने एक स्वस्थ्य देश के रूप में उभर सके।
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Fortified Rice: क्या है फोर्टिफाइड राइस, लोगों को भर-भरकर बांटेगी मोदी सरकार, हेल्दी इतना कि खाने से बढ़ेगी ताकत
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना . प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न ...
The Union Cabinet has extended the universal supply of Fortified Rice in all Central Government schemes providing free food grains under the National Food Security Act till December 2028.
फोर्टिफाइड चावलों को भी साधारण चावलों की तरह ही बनाया जाता है. हालांकि, साधरण चावल और फोर्टिफाइड चावलों में एक फर्क केवल यह होता है ...
Fortified Food Meaning in Hindi. भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं स्टैंडर्ड अथॉरिटी के मुताबिक फोर्टिफिकेशन का मतलब किसी खाद्य पदार्थ में जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स का मिलावट करना है. इससे उस खाद्य पदार्थ की पोषक क्षमता बढ़ जाती है और स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को कम करते हुए लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाने की पहल की जाती है.
अगले 4 साल तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी स्कीम्स में फोर्टिफाइड चावल मिलता रहेगा। 9 अक्टूबर को मोदी कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। सरकार ने 2022 में 2 ...
What is fortified rice: केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को 2024 तक मिड-डे-मिल सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल बांटने की मंजूरी दी.
दुनिया भर में कुपोषण को दूर करने के संभावित समाधान के रूप में Fortified Rice को पेश किया गया है. भारत में भी सरकार ने राशन से लेकर मिड डे मील तक, आम जन को वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न में फोर्टिफाइड चावल को शामिल किया है. मगर इस फैसले का विरोध बताता है कि इसे अभी फायदे और नुकसान की कसौटी पर कसना जरूरी है. advertisement.
फोर्टिफाइड चावल क्या है -What is fortified rice in hindi?
फोर्टीफाइड चावल के फायदे ( Benefits of fortified rice in Hindi ) :- कुपोषण रहता है दूर –. भारत की महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा पाया जाता है। ऐसे में इस चावल के सेवन से महिलाओं और बच्चों के कुपोषण को दूर किया जा सकता है।.