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सब्जी का बिजनेस कैसे करें?, निवेश व प्रॉफिट सहित पूरी जानकारी

Vegetable Business Plan In Hindi: भारत में ऐसे बहुत सारे गांव मौजूद हैं, जहां खेती करके सब्जियों को शहरों में एक्सपोर्ट किया जाता है। इसी कारण शहर में सब्जियों की कीमत बढ़ती-घटती रहती है।

सब्जी का व्यापार आज के समय में बहुत ही ज्यादा बेहतर और फायदेमंद बिजनेस में से एक है। यदि आप भी सब्जी का व्यापार करने के बारे में सोच रहे हैं तो हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहें।

Vegetable Business Plan In Hindi

इस लेख में सब्जी की दुकान कैसे लगाएं के बारे में बताया है। जिसमें सब्जी बेचने का तरीका, सब्जी बेचने का लाइसेंस, सब्जी बेचकर महीने में कितना कमा सकते हैं, सब्जी के बिजनेस में लागत और प्रॉफिट आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Table of Contents

सब्जी की दुकान कैसे लगाएं? (Vegetable Business Plan In Hindi)

किसी भी व्यापार को शुरू करने से पहले उससे जुड़ी हुई सभी प्रकार की जानकारी के बारे में जानना अति आवश्यक होता है। इसी पर बिजनेस की सफलता और असफलता निर्भर करती है।

ठीक इसी तरह सब्जी के बिजनेस को भी शुरू करने से पहले उससे जुड़ी हुई सभी प्रकार की जानकारी को प्राप्त करना अति आवश्यक होता है। जैसे कि सब्जियां बेचने के लिए कहां से खरीदें?, सब्जियां गली-गली जाकर बेचना है या दुकान के माध्यम से बेचना है?, इस व्यापार में कितनी लागत लगती है?, इस व्यापार का मार्केटिंग कैसे करें? इत्यादि बातों के बारे में जानना बहुत ही जरूरी होता है।

क्योंकि यही सब बातें बिज़नेस को सफल बनाने में योगदान देती हैं और तो और आप इस बिजनेस की शुरुआत दो तरीकों से कर सकते हैं पहला आप सब्जियों का थोक व्यापार शुरू कर सकते हैं या फिर आप चाहे तो सब्जियों का रिटेल व्यापार भी शुरू कर सकते हैं।

इन दोनों में ज्यादा फर्क नहीं होता, बस थोक व्यापार के अंतर्गत व्यापारी को भारी मात्रा में सब्जियां खरीद कर अलग-अलग विक्रेताओं को बेचना होता है और रिटेल व्यापार के अंतर्गत व्यापारी को सब्जियां सीधे उपभोक्ताओं को बेचना होता है।

सब्जी के बिजनेस के लिए माल की कीमत और कहां से खरीदें?

सब्जी के बिजनेस में लगने वाले माल केवल सब्जियां ही होती हैं। हर मौसम में अलग-अलग तरह की सब्जियां उपलब्ध होती हैं, उसी के हिसाब से सब्जियों का दाम भी घटता बढ़ता रहता है।

यदि आप इस व्यापार की शुरुआत थोक विक्रेता के माध्यम से करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सीधे किसानों या फिर सब्जी वितरकों से सब्जी खरीदने की आवश्यकता पड़ेगी।

यदि आप रिटेल व्यापार के माध्यम से इस बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फुटकर विक्रेता या फिर स्थानीय मंडी के माध्यम से सब्जी खरीद कर बेचना होगा और फिर आप अपने उपभोक्ताओं को डायरेक्ट सब्जियां बेच कर पैसे कमा सकते हैं।

इस व्यापार में लगने वाले सब्जियों की कीमत उत्पादन पर निर्भर करती है और मौसम पर भी निर्भर करती है। जिस मौसम पर सब्जियों का उत्पादन अच्छा होता है तो उस मौसम में सब्जियों की कीमत भी कम लगती है, परंतु जिस मौसम में सब्जियों का उत्पादन कम होता है, उस मौसम में सब्जियों का रेट आसमान को छूने लगता है।

आप चाहे तो इस बिजनेस के शुरुआत में 5000-6000 रुपए का माल खरीद कर बेच सकते हैं या फिर आप चाहे तो 10 हजार तक का भी माल खरीद कर बेच सकते हैं। तो कुल मिलाकर इस व्यापार में लगने वाली माल की कीमत उसकी उत्पादन और आपके खरीदी पर निर्भर करता है।

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सब्जी के बिजनेस में लगने वाले उपकरण, मशीन की कीमत और कहां से खरीदें?

सब्जियों के व्यापार में लगने वाला उपकरण केवल सब्जियों को तौलने वाली मशीन होती है या फिर आप चाहे तो तराजू के माध्यम से भी अपने सब्जियों को तौल कर बेज सकते हैं।

आप इन्हीं दो उपकरणों के माध्यम से अपने ग्राहकों को सही मात्रा में सब्जियां प्रदान कर पाएंगे। इसीलिए इस बिजनेस को करने के लिए इन उपकरणों की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है।

आप सब्जी तोलने वाली मशीन किसी भी मार्केट के माध्यम से खरीद सकते हैं और आप चाहे तो इसे किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से भी मंगवा सकते हैं। आज के समय में यह उपकरण किसी भी मार्केट या ऑनलाइन वेबसाइट पर बड़ी ही आसानी के साथ मिल जाते हैं।

आज के समय में इन उपकरणों की कीमत कम से कम ₹2000 के आसपास होती है। यदि आप एक अच्छे क्वालिटी का मशीन खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ₹2000 से भी अधिक पैसा लग सकता है।

सब्जी के बिजनेस की मार्केटिंग प्रोसेस

आज के समय में सभी बिजनेस को चलाने का अपना ही अलग-अलग प्रोसेस होता है। ठीक इसी तरह सब्जी के बिजनेस को भी चलाने का अपना ही एक अलग मार्केटिंग प्रोसेस होता है।

मार्केटिंग प्रोसेस कहने का मतलब यह है कि आप अपने बिजनेस को चलाने के लिए कैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं?, आप अपने बिजनेस के अंतर्गत ग्राहकों को कैसे-कैसे ऑफर प्रदान कर रहे हैं? आपके द्वारा प्रदान किया गया ऑफर आप के ग्राहकों को पसंद आ रहा है या नहीं? इत्यादि बातें मार्केटिंग प्रोसेस में शामिल होती है।

बिजनेस की सफलता और असफलता इसी मार्केटिंग प्रोसेस पर ही निर्भर करता है। बिजनेस को सफल व फायदेमंद बनाने के लिए मार्केटिंग प्रोसेस के साथ चलना अति आवश्यक होता है।

सब्जी के बिजनेस के लिए लोकेशन

इस बिजनेस के अंतर्गत कुछ व्यापारियों द्वारा फुटकर सब्जी डायरेक्ट उपभोक्ताओं को बेचने का बिजनेस रेहड़ी या फिर वाहन को गली-गली घुमा कर किया जाता है। जिसके लिए किसी भी प्रकार के लोकेशन का चुनाव करना आवश्यक नहीं होता है।

परंतु यदि कोई भी व्यापारी इस बिजनेस को रेहड़ी या फिर वाहन के माध्यम से ना करके किसी एक स्थान के माध्यम से करना चाहता है तो उसके लिए उसे एक बेहद अच्छी लोकेशन की आवश्यकता पड़ेगी।

यदि आप अपने बिजनेस को थोक विक्रेता के माध्यम से करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक सब्जी मंडी की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके माध्यम से आप अपने सब्जियों का थोक व्यापार शुरू कर सकते हैं।

हर छोटे-बड़े शहर में एक न एक सब्जी मंडी मौजूद होता ही है, जो कि अक्सर सुबह या शाम को कुछ घंटों के लिए ही खुला रहता है। इसीलिए सब्जी का थोक व्यापार शुरू करने के लिए ऐसे ही लोकेशन को उपयुक्त माना गया है।

परंतु यदि आप इस बिजनेस कि शुरुआत रिटेल के माध्यम से करना चाहते हैं तो इसके लिए भी एक अच्छा लोकेशन निर्धारित की जाती है। हर शहर, गली, मोहल्ले या फिर कॉलोनी में सब्जी मार्केट अवश्य मौजूद होती हैं।

जहां पर आप अपनी vegetable shop लगाकर डायरेक्ट अपने उपभोक्ताओं को सब्जी बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। इसे रिटेल व्यापारियों के लिए काफी अच्छा लोकेशन माना जाता है।

सब्जी के बिजनेस के लिए लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन

आज के समय में ऐसा कोई भी बिजनेस नहीं है, जिसे करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता ना हो। आज के समय में लगभग सभी बिजनेस को पंजीकृत करवाना अति आवश्यक हो गया है। ठीक इसी तरह सब्जी के बिजनेस को भी पंजीकृत करवाना अति आवश्यक होता है।

यदि आपने अभी-अभी अपने बिजनेस की शुरुआत की है और आपका बिजनेस अभी उतना ज्यादा सफल नहीं हुआ है तो आपको शुरुआत में इस बिजनेस को करने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

परंतु जैसे जैसे आप का सब्जी का व्यापार बढ़ता जाएगा और आपको इस बिजनेस के अंतर्गत काफी ज्यादा तरक्की हासिल हो जाएगी तो आपको इस बिजनेस को चलाने के लिए लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन करवाने की आवश्यकता पड़ेगी।

आप इस सब्जी के बिजनेस को पंजीकृत करवाने के लिए किसी भी एक अच्छे वकील का सहारा ले सकते हैं। आप किसी भी पहचान के वकील से मिलकर अपने इस सब्जी के बिजनेस का पंजीकरण जरूर करवाएं और लाइसेंस प्राप्त करके सुरक्षित तरीके से अपने इस सब्जी के बिजनेस को चलाएं।

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सब्जी के बिजनेस के लिए स्टाफ

यदि आपने अभी अभी अपने बिजनेस की शुरुआत की है और आपका बिजनेस अभी उतना ज्यादा बड़ा नहीं है तो आपको इस व्यापार को संभालने के लिए किसी भी स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप इस बिजनेस को अकेले ही संभाल सकते हैं।

परंतु यदि आपका बिजनेस काफी अच्छा चल रहा है और आपको अपने बिजनेस के अंतर्गत काफी ज्यादा काम करने की आवश्यकता पड़ती है तो आप को अपने बिजनेस को संभालने के लिए एक काबिल स्टाफ जरूरत पड़ेगी, जो कि आपके बिजनेस के अंतर्गत होने वाले सभी प्रकार के कार्यों में आपकी सहायता करेगा और आपके बिजनेस को सफल बनाने में योगदान देगा।

सब्जी के बिजनेस के लिए पैकेजिंग

वैसे तो सब्जी के बिजनेस को करने के लिए किसी भी तरह के पैकेजिंग की आवश्यकता नहीं पड़ती। परंतु फिर भी यदि आप अपने बिजनेस की शुरुआत एक दुकान के माध्यम से कर रहे हैं तो आप यह जरूर सुनिश्चित कीजिए कि आप अपने ग्राहक को बेहतर, ताजी व अच्छी सब्जियां प्रदान करें। ऐसा करने के लिए आप अपने सब्जियों को पैकिंग करके भी बेच सकते हैं।

ऐसा करने से ग्राहक को आपके द्वारा बेचे जाने वाले सब्जियों पर विश्वास होगा और वे ज्यादा से ज्यादा सब्जियां आपके ही दुकान से खरीदेंगे। ऐसा करने से आपके व्यापार पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा, जो कि आपके बिजनेस को सफल बनाने में काफी ज्यादा योगदान दे सकता है।

सब्जी के बिजनेस में लागत

सभी बिजनेस की शुरुआत करने के लिए इन्वेस्टमेंट करने की जरूरत पड़ती ही है। ठीक इसी तरह से सब्जी के बिजनेस की भी शुरुआत करने के लिए इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता होती है।

परंतु सब्जी का व्यापार एक ऐसा बिजनेस है, जिसे शुरुआती दौर पर शुरू करने के लिए कितने पैसे लगेंगे यह सुनिश्चित नहीं होता है। कहने का आशय यह है कि आप चाहे तो इस बिजनेस की शुरुआत 10 हजार रुपए से भी कर सकते हैं और यदि आप चाहे तो इससे कम लागत में भी शुरुआत कर सकते हैं।

आप इस बिजनेस के अंतर्गत जितना चाहे उतने पैसे का माल खरीद कर ग्राहकों को डायरेक्ट या फिर थोक विक्रेता के माध्यम से बेच सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं।

इसी कमाए गए पैसे के माध्यम से आप और भी सब्जियां खरीद कर उनहे फिर से बेच सकते हैं और इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहरा कर आप लाभ कि कमाई कर सकते हैं।

सब्जी बेचकर महीने में कितना कमा सकते हैं?

सब्जी का व्यापार भी काफी ज्यादा फायदेमंद बिजनेस में से एक होता है। यह एकमात्र ऐसा बिजनेस होता है, जिसे कम लागत में शुरू करके अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।

आप इस बिजनेस के अंतर्गत जितना चाहे उतना पैसा इन्वेस्ट करके इस बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं और अपने बिजनेस को सफल व फायदेमंद बनाने के लिए आप अच्छी मार्केटिंग प्रोसेस का भी सहारा ले सकते हैं।

इस बिजनेस के माध्यम से होने वाली कमाई व्यापारी के होने वाली बिक्री पर निर्भर करता है। क्योंकि सब्जी का व्यापार एक ऐसा व्यापार है, जिसके अंतर्गत जितनी जल्दी सब्जियां बिक गई उतना ही ज्यादा फायदा होता है।

सब्जी के बिजनेस की मार्केटिंग

किसी भी बिजनेस को यदि शुरुआती दौर पर शुरू किया जा रहा है तो उस बिजनेस को सफल व जानकार बनाने के लिए उसकी मार्केटिंग करना अति आवश्यक होता है। क्योंकि जब तक लोगों को आपके द्वारा शुरू किए गए बिजनेस के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होगी तब तक आपको अपने बिजनेस के माध्यम से फायदा नहीं होगा।

ठीक इसी तरह से सब्जी के बिजनेस को भी सफल व फायदेमंद बनाने के लिए उसकी मार्केटिंग करना अति आवश्यक होता है। सब्जियों के व्यापार के अंतर्गत आपको केवल अपने लोकल मार्केट में ही अपनी दुकान या रेहड़ी का एडवरटाइजमेंट करना होता है।

आज का समय पूरी तरीके से आधुनिक व डिजिटल बन गया है तो आप इसी आधुनिकता का इस्तेमाल करके अपने बिजनेस का एडवर्टाइजमेंट बड़ी ही आसानी के साथ कर सकते हैं।

आप अपने बिजनेस का एडवर्टाइजमेंट करने के लिए किसी भी लोकल टीवी चैनल, न्यूज़ पेपर, पोस्टर, बैनर, लाउडस्पीकर इत्यादि का सहारा ले सकते हैं।

आपके द्वारा अपने व्यापार का किया गया एडवर्टाइजमेंट जितना ज्यादा अच्छा होगा, उतना ही ज्यादा लोगों को आपके व्यापार के बारे में अच्छे से पता चल पाएगा और इस तरह से आपकी sabji ki dukaan या रेहड़ी अधिक से अधिक बिक्री करके मुनाफा कमा पाएगा।

सब्जी के बिजनेस को सफल बनाने के लिए उससे जुड़ी हुई हर संभव प्रकार की मार्केट रिसर्च, एडवरटाइजमेंट, मार्केटिंग प्रोसेस, लोकेशन, रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस इत्यादि चीजें जरूरी होती हैं।

हां, सब्जी का व्यापार बहुत ही ज्यादा फायदेमंद बिजनेस में से एक होता है। क्योंकि इस बिजनेस को करने के शुरुआत जितना चाहे उतना पैसा इन्वेस्ट करके किया जा सकता है और सूझबूझ व समझदारी के माध्यम से इस बिजनेस को अधिक फायदेमंद बनाया जा सकता है।

यहां पर सब्जी का व्यापार कैसे करें (Vegetable Business Plan In Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है। हम उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

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सब्जी का बिजनेस कैसे करें? यहां जानें | Vegetable business plan

अगर आप एक किसान हैं और खेती करते हैं तो सब्जियां उगाकर सब्जी का व्यापार (sabji ka business) शुरू कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।.

vegetable business:  सब्जी (vegetable) ऐसी चीज है जिसकी जरूरत हमें अपने जीवन में हर दिन पड़ती है। अच्छी सेहत के लिए सब्जियों का सेवन बहुत ही लाभदायक होता है।

तो आप भी अगर किसान हैं और खेती करते हैं तो सब्जियां उगाकर सब्जी का व्यापार (sabji ka business) शुरू कर सकते हैं। आप खुद को भी स्वस्थ रख सकते हैं। 

आपने देखा भी होगा कि जिम ट्रेनर और डॉक्टर भी हरी सब्जियों का सेवन करने की सलाह देते हैं। यदि आप कम पढ़े-लिखे हैं और कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो सब्जी का बिजनेस (sabji ka business) सबसे अच्छा बिजनेस ऑप्शन (business ideas for village) है।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में सब्जी का व्यापार कैसे शुरू करें? (sabji ka business kaise kare) जानते हैं। 

आप इस ब्लॉग में जानेंगे-

  • सब्जी बेचने कैसे सीखें

सब्जियां कहां से खरीदें

सब्जी सीधे किसानों से क्यों खरीदें , सब्जी का दुकान कैसे सजाएं, सब्जी बेचने के लिए लाइसेंस.

  • सब्जी का थोक व्यापार व्यापार कैसे करें

सब्जी के फुटकर व्यापार कैसे करें

  • बिजनेस कैसे बढ़ाए

सब्जी के व्यापार में लागत

सब्जी के व्यापार में मुनाफा.

  • सब्जी के व्यापार करने के फायदे

सब्जी के बिजनेस की चुनौतियां

सब्जी बेचने कैसे सीखें (sabji ka business kaise kare).

अगर आप इस बिजनेस में नए हैं और आपको ज्यादा जानकारी नहीं है। तो किसी पुराने सब्जी बेचने वाले से इसके बारे में जानने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा आप खुद भी अपने आस-पास के मंडियों में जाकर देखें कि सब्जी किस भाव में आ रही है। कैसे आ रही है और कितने मुनाफे पर सब्जियों को बेचा जा रहा है। लगभग 4-5 दिन में यह सारी चीजें आपको समझ में आ जाएगी। उसके बाद आप आराम से अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

अगर आप खुद एक किसान है तो अपनी उगाई हुई सब्जी को ही भेज सकते हैं।अगर आप खेती नहीं करते हैं तो किसी मंडी से सब्जी खरीद कर बेच सकते हैं।

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vegetable business plan pdf in hindi

आप सीधे किसी किसान से भी संपर्क करके सब्जी खरीद सकते हैं। किसान से खड़े खरीदी सब्जी में आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा। आपको यह फायदा होगा कि आप अन्य सब्जी वालों से थोड़े कम दाम में भी आप सब्जी भेज सकते हैं।

यदि आप थोक के भाव में सब्जी सीधे किसान से खरीद कर शहर की बड़ी मंडियों में बेचेंगे तो आपको मुनाफा अधिक होगा। क्योंकि अगर आप सब्जी सीधे मंडी से खरीदेंगे तो आपको मात्र 7% या 10% का प्रति ₹100 कमीशन भी देना पड़ेगा।

इसके अलावा अगर आप किसी किसान से सब्जी खरीदते हैं। तो उसके खेत में ही सब्जी छांट कर ले सकते हैं। लेकिन अगर आप मंडी में सब्जी खरीदेंगे तो आपको सब्जी बंद बोरी में ही मिलेगी। जिसमें ऊपर अच्छी सब्जियां होंगी तो नीचे जरूर कुछ गड़बड़ सब्जियां मिलेंगी। जिसने आपको हमेशा नुकसान होने की संभावना बनी रहेगी।

सब्जियों का व्यापार (sabji ka business) अगर अच्छे से करना चाहते हैं तो सब्जियां ताजी वह अच्छी होने के साथ-साथ आपको सब्जी का दुकान भी सजाकर रखना चाहिए। अपनी सब्जी की दुकान को अच्छे से सजाने के लिए सब्जी को मंडी से या किसान से लाने के बाद अच्छी तरह धो लें।और छोटी-छोटी टोकरियों में सजा कर रखें। और सब्जियां ताजी रखने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव भी करते रहे। जिससे सब्जी अच्छी और ताजी लगे।

अगर आप अपने गांव में या किसी छोटे बाजार में सब्जी का दुकान कर पैसा कमाना चाहते हैं। तो आपको किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन अगर आप अपनी इसी व्यापार को विश्वसनीय और लंबे समय तक चलाना चाहते हैं तो आपको भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से उद्योग आधार का लाइसेंस ले लेना पड़ेगा।इसके लिए आपको अपने दुकान को रजिस्टर्ड करवाना होगा। समय-समय पर टैक्स का भुगतान भी करना होगा।

सब्जी का थोक व्यापार व्यापार कैसे करें (sabji ka business kaise kare)

सब्जी के थोक व्यापार का मतलब होता है आपको एक मंडी से सब्जी लेकर दूसरे मंडी में भेजना आप सालभर या काम करते हैं तो सब्जी के थोक विक्रेता बन जाते हैं। सब्जियों का थोक व्यापार शुरू करने के लिए आपको 1 लाख से 2 लाख रुपए तक की लागत लगती है जितनी आप लागत तक आएंगे आप को थोक में उतना ही मुनाफा भी होगा।

सब्जी के फुटकर व्यापार का मतलब है आप सब्जी किसी बड़ी मंडी से सब्जी खरीद कर कहीं बाजार में रख कर बेच सकते हैं। या दुकान खोल कर बेच सकते हैं। आप चाहे तो गली मोहल्ले में घूम घूमकर भी सब्जी का फुटकर व्यापार कर सकते हैं। और पैसे कमा सकते हैं।

सब्जी का बिजनेस कैसे बढ़ाए (sabji ka business kaise kare)

आप कस्टमर्स को होम डिलीवरी दे सकते हैं। बिजनेस के शुरुआती दौर में थोड़ी कम मुनाफे में सब्जी को बेचे। यह देख कर आपके पास अधिक कस्टमर आएंगे और आपका बिजनेस बढ़ेगा ग्राहक को हमेशा ताजी सब्जी दें। ऐसे कस्टमर्स को बांधकर रखें। ताकि वह आपके पास बार-बार आना पसंद करें।

सब्जी बिजनेस में भी लागत आपके ऊपर निर्भर करता है। कि आप यह बिजनेस कैसे शुरू करना चाहते हैं मान लीजिए आप ठेले पर सब्जी कर बेचने की शुरुआत करना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको अधिक लागत नहीं लगानी पड़ेगी आप शुरुआत में 500 से 1000 रुपए तक की सब्जी लाकर बेचे। उसके बाद अपनी आमदनी को देखते हुए सब्जी को बढ़ा सकते हैं।

चाहे तो अपने घर के घर में भी सब्जी बेच सकते हैं। उसके लिए आपको कम से कम 5 हजार से 10 हजार की सब्जी खरीदनी होगी। इसके अलावा अगर आप तो किसी मेन मार्केट में सब्जी की दुकान खोले हैं तो आपको एक से दो लाख की लागत तो लगानी पड़ेगी। क्योंकि आजकल सब्जियां भी लगभग  महंगी हो गई है।

सब्जी का व्यापार एक ऐसा बिजनेस है जो कभी बंद नहीं हो सकता। तो आपको मुनाफा तो होगा ही। बात अगर सब्जी में आलू-प्याज की करें तो इस पर 30% से लेकर 100% तक मुनाफा कमा सकते हैं। जैसे आपने भी सुना होगा कि आलू प्याज का सीजन आता है तो लोग उसे कोल्ड स्टोर करके रख लेते हैं। और जब उस सब्जी सीजन चली जाती है। या फिर सब्जियां महंगी होने लगती है। तो लोग कोल्ड स्टोर से निकालकर दोगुने भाव में बेचने लगते हैं।

सब्जी बेचने के बिजनेस में फायदे

  • सब्जी का बिजनेस बहुत ही कम पूंजी लगाकर शुरू किया जा सकता है।
  • सब्जी का व्यापार कभी बंद होने वाले व्यापार में से नहीं है।
  • सब्जी का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको बहुत ज्यादा पढ़े लिखे होने की जरूरत नहीं है।
  • घर की महिला अगर चाहे तो घर में भी सब्जी रखकर बेच सकती हैं।
  • हरी सब्जियों को ज्यादा दिनों तक स्टोर करके नहीं रख सकते हैं।
  • संभव हो तो मंडी में सब्जियां लेते समय बोरियां खोल कर देख ले। नहीं तो सब्जी सड़ी भी निकल सकती है।
  • सब्जी की बोरियों को अपनी दुकान तक आराम से ले जाएं नहीं तो सब्जी रगड़ से काली भी हो सकती है।
  • महंगी सब्जियों का व्यापार वही करें जहां उसकी मांग हो।

ये तो थी, सब्जी का व्यापार कैसे शुरू करें? (sabji ka business kaise kare) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।

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Ajola Ki Kheti

सब्जियों का व्यापार कैसे शुरु करें?

दुनिया में हर जीव के जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व भोजन है। यह एक अभिन्न और महत्वपूर्ण तत्व है, इतना अधिक कि भोजन के साथ-साथ भोजन प्रदान करने वाले देश भी सम्मानित हैं। वास्तव में किसानों को बहुत श्रद्धा के साथ किसानों और ’या भोजन प्रदाता के रूप में कहा जाता है। हालाँकि ये खाद्य प्रदाता (किसान), सम्मान प्राप्त होने के बावजूद केवल खाद्य उत्पादक हैं, जो केवल फसलों को उगाने और अपने खेतों में काम करने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करते हैं। महत्वपूर्ण कार्य किसानों या उनके उत्पादों को उपभोक्ताओं या बाजार में अंतिम उपयोगकर्ताओं के साथ जोड़ना है। यह उन लोगों द्वारा प्राप्त किया जाता है जो सब्जियों को बेचने का सौदा करते हैं। सब्जियों की आपूर्ति करने वाले और ग्राहकों को ताज़ी उपज देने वालों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के कारण, सब्जी बेचने का व्यवसाय एक बेहतरीन व्यवसाय है।  लेकिन इस व्यवसाय में यह सुनिश्चित करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी है कि किसानों के श्रम की मेहनत और फल बर्बाद न हो और उनकी उपज को बाजार में अच्छी कीमत मिले और किसानों को सब्जी विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं को व्यवसाय से लाभ हो। सब्जी व्यवसाय एक ऐसा बिजनेस है जो आप बड़ी आसानी से और कहीं भी शुरु कर सकते हैं। इस व्यवसाय में सबसे जरुरी है, सब्जियां जो घर में रोज़ ही इस्तेमाल होती है। सब्जियों का बिजनेस शुरू करना चुनौतियों भरा है, लेकिन एक तथ्य यह भी है कि यह वास्तव में एक लाभदायक व्यवसाय है, खासकर यदि आप व्यवसाय को किसी अच्छे स्थान पर शुरु करते हैं जैसे किसी ऐसी जगह जहां थोड़ी बहुत जनसंख्या या आबादी हो और जहां आपको ताजी सब्ज़ियों का स्रोत, जो उस स्थान पर खायी जाती है पता हो।

1. सब्जी व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण कार्य

सब्जी बेचने के व्यवसाय में शामिल कार्यों में यह तय करना शामिल है कि उपज को बढ़ाना है। उद्यमी अपनी सब्जियों और फलों का उत्पादन खेत में कर सकते हैं या बगीचे के एक पैच पर या छत के स्थान पर भी छोटे से शुरू कर सकते हैं और उस उपज को सीधे ग्राहकों को भी प्राप्त करा सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, वे कई किसानों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं जो केवल अपने खेतों और खेती की नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि उद्यमी कृषि उपज के विपणन को संभालते हैं।

अगले कार्य में खेतों और खेतों से सब्जी (फल की दुकान) तक ताजा सब्जियों और फलों को ले जाने के लिए उचित परिवहन के लिए निवेश करना या व्यवस्था करना शामिल है, जबकि यह सुनिश्चित करना कि उपज ताजा और बरकरार है। सब्जियों को या तो मुख्य बाजार में ले जाया जा सकता है या उद्यमी किसी ऐसे वाहन या गाड़ी में निवेश कर सकते हैं जो सब्जी को विभिन्न इलाकों और आवासीय क्षेत्रों में बेचने के लिए ले जाए।

सब्जी व्यवसाय एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है जो हमेशा मांग में रहेगा क्योंकि ग्राहकों को दैनिक आधार पर ताजी सब्जियों और फलों की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह व्यावसायिक विचार उपन्यास नहीं है और शुरू से ही (इसकी आवश्यक प्रकृति के कारण) रहा है, लेकिन व्यवसाय को बदलते समय में प्रासंगिक होने के लिए और पहले से मौजूद विभिन्न सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ खड़े होने के लिए खुद को सुधारने की जरूरत है और पारंपरिक तरीके से अपने व्यवसाय का संचालन। सब्जी व्यवसाय के पारंपरिक तरीकों के लिए डिजिटल विज्ञापन विधियों सहित प्रौद्योगिकी और विपणन तकनीकों को पेश करने की आवश्यकता है।

2. सब्जियों का बिजनेस प्लान

  • सब्जी बेचने वाले व्यवसाय के पुनर्जीवन और उन्नयन के लिए पूरी तरह से योजना की आवश्यकता होती है और यह सब्जी बेचने की व्यवसाय योजना बनाकर संभव है। एक व्यवसाय योजना एक दस्तावेज है जो पूरे व्यापार का विस्तार से वर्णन करता है, साथ ही उसके लक्ष्यों, उद्देश्यों, दृष्टि और मिशन के बारे में बताता है।
  • इस प्रकार, व्यवसाय योजना व्यवसाय की सटीक प्रकृति पर विस्तृत होती है, जिस दिशा में उद्यमी अपना व्यवसाय करना चाहता है और निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए योजना की कल्पना करता है।
  • व्यवसाय की योजना बनाते समय एक व्यवसाय योजना तैयार करना आवश्यक है और यह विस्तार की रणनीति है क्योंकि व्यवसाय योजना उद्यमी को व्यवसाय के विचारों को एक उचित दिशा में स्थानांतरित करने में मदद करती है, इस प्रकार उन्हें विनाश में लाती है।
  • इसके अलावा, सड़क के नीचे, एक बार व्यापार शुरू हो जाने के बाद, व्यवसाय योजना उद्यमियों को उनकी दृष्टि के लिए सही रहने में मदद करती है और उन्हें निराश नहीं करती है। इसके अलावा, व्यवसाय के लिए ऋण या धन के लिए आवेदन करने और इसके विस्तार के लिए, एक व्यवसाय योजना बैंक अधिकारियों को व्यवसाय की सटीक प्रकृति और व्यवसाय की योजनाओं के बारे में एक विचार देने में मदद करती है।
  • इस प्रकार, व्यवसाय को संशोधित करते समय एक सब्जी व्यवसाय योजना काफी आवश्यक है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह व्यापक और पूर्ण है, व्यापार योजना को डिजाइन करते समय एक व्यवसाय नियोजन चेकलिस्ट को संदर्भित किया जाना चाहिए।

Man farmer with homemade vegetables in his hands

3. व्यवसाय मॉडल

  • व्यवसाय मॉडल में व्यवसाय की सटीक प्रकृति और व्यवसाय के संचालन के तरीके शामिल हैं। विवरण जैसे कि उद्यमी सब्जियों को उगाने जा रहा है और फिर उन्हें बेचकर या विभिन्न विक्रेताओं से स्रोत में जा रहा है और फिर इसे बाजार में ले जाना है, योजना में उल्लेख किया जाना है।
  • उदाहरण के लिए, व्यवसाय के मालिक की उपज को बेचने की योजना का उल्लेख कैसे किया जाना चाहिए, उदाहरण के लिए, बाजार की जगह पर एक दुकान स्थापित करें या एक चलती हुई सब्जी की गाड़ी हो जो विभिन्न इलाकों का दौरा करती हो या यहाँ तक कि विशेष रूप से सब्जियों की डोर टू डोर डिलीवरी प्रदान करती हो। डिज़ाइन किया गया वाहन।
  • सब्जी व्यवसाय को व्यवसाय के लिए भी कुछ उपकरणों की आवश्यकता होती है, जैसे कि परिवहन के लिए एक बड़ा ट्रक, डिलीवरी डोली, उपज रखने के लिए बक्से, टेबल, डिस्प्ले डिब्बे, मापने का पैमाना, और संरचना की तरह तम्बू या बूथ स्थापित करने के मामले में शामियाना बाजार और एक प्रशीतित वाहन अगर विभिन्न रेस्तरां में या थोक में उपज वितरित करते हैं।
  • व्यवसाय मॉडल को उन पंजीकरणों और लाइसेंसों की जानकारी भी शामिल करनी चाहिए जो व्यवसाय के मालिक को व्यवसाय का संचालन करने के लिए प्राप्त करने की आवश्यकता होती है जैसे कि दुकान अधिनियम, जीएसटी पंजीकरण, आदि के साथ-साथ उद्यमी भविष्य में व्यवसाय के विस्तार की योजना कैसे बनाते हैं।

4. नया व्यापार और विपणन तकनीक

  • चूंकि सब्जी का व्यवसाय एक पुरानी और स्थापित अवधारणा है, इसलिए व्यवसाय के विपणन के साथ-साथ जिस तरह से व्यवसाय संचालित किया जाता है उसी तरह से नई तकनीकों को लागू करने की आवश्यकता है।
  • व्यवसाय के मालिक व्यवसाय को ऑनलाइन लेकर डिजिटल प्रौद्योगिकी को लागू कर सकते हैं जहां ग्राहक दिन की उपज को देख सकते हैं और ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं और उसी दिन डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं।
  • इसी तरह, उद्यमी कुछ विशेष सब्जियों के पैकेजों की पेशकश कर सकते हैं जो विशेष व्यंजनों के लिए आवश्यक हो सकते हैं, उदाहरण के लिए वे सभी सब्जियों को चीनी तले हुए चावल और मंचूरियन बनाने के लिए या मुगलई करी के लिए या महाराष्ट्रीयन एमटी आदि के लिए आवश्यक पैकेज में मिला सकते हैं।
  • यहां तक कि पैकेट में दी गई और कटी हुई सब्जियां भी दे सकते हैं, जो ग्राहकों के लिए प्रभावी है। साथ ही, न केवल ऑनलाइन भुगतान के लिए, बल्कि उन ग्राहकों के लिए भी, जो ई-वॉलेट या एकीकृत भुगतान इंटरफेस के माध्यम से सब्जी स्टाल पर जा रहे हैं, नए भुगतान के तरीके ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
  • विपणन भी पारंपरिक तरीके से उड़ाका और पंपलेट की विधि के साथ किया जा सकता है। ये तकनीकें व्यवसाय की लोकप्रियता बढ़ाने में मदद करेंगी, इस प्रकार ग्राहकों को बार-बार व्यापार में वापस लाना सुनिश्चित करेंगी।
  • व्यवसाय और विपणन रणनीतियों की योजना बनाते समय, प्रतियोगियों के एक अध्ययन और वर्तमान विपणन प्रवृत्तियों को संचालित करने और सब्जी व्यवसाय योजना में शामिल करने की आवश्यकता है।

Set of vegetables for sale in wooden boxes on grey background with shadow

5. निवेश और धन

सब्जी व्यवसाय योजना और तकनीकों पर विस्तार से चर्चा करते हुए, व्यवसाय शुरू करने और चलाने के लिए आवश्यक निवेश की गणना की जानी चाहिए और व्यापार योजना में शामिल होना चाहिए। पूंजी की आवश्यकता में दुकान की लागत शामिल है या बाजार में कियोस्क स्थापित करने के साथ-साथ परिवहन के लिए वाहनों की खरीद की लागत और उपज का वितरण शामिल है। उपकरण की लागत, उपज की पैकेजिंग, और दिन के खर्च के लिए विविध दिन और विपणन व्यय को पूंजी की आवश्यकता में शामिल किया जाना चाहिए। पूंजी की आवश्यकता के साथ, व्यवसाय के लिए धन प्राप्त करने की योजना को भी शामिल किया जाना चाहिए। धन के स्रोत या तो बैंक या एनबीएफसी ऋण से या दोस्तों और परिवार से उधार के माध्यम से हो सकते हैं।

सब्जी व्यवसाय योजना में शामिल होने के लिए ये कुछ आवश्यक चीजें हैं। भविष्य में सब्जी बेचने वाले व्यवसाय के लिए विकास और प्रगति की बहुत गुंजाइश है, बशर्ते व्यवसाय के मालिक के पास दूरदर्शिता है और व्यवसाय को प्रभावी ढंग से शुरू करने की योजना है।

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1) टॉप-10 बिज़नेस जो देते हैं सबसे ज़्यादा प्रॉफिट! 2) टॉप-10 सीज़नल बिज़नेस आइडियाज़ 3) टॉप ईको-फ़्रेंड्ली बिज़नेस आइडियाज़ 4) 7 बातों का ख़याल रखें और शुरू करें अपना रेस्ट्रॉंट बिज़नेस!

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11 Best Vegetables Business Ideas in Hindi: वेजिटेबल बिज़नेस आइडियाज

क्या आप एक फल से संबंधित व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं लेकिन आप नहीं जानते कि कैसे करे? यदि हां, तो यहां हम आपके लिए 2024 के Best Vegetables Business Ideas की जानकारी लेकर आये है।

स्वस्थ जीवन को बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में बढ़ती जागरूकता अधिक से अधिक लोगों को चीनी और वसा से भरे अपने सामान्य भोजन को छोड़ने और फल और सब्जियों के जैसे प्राकृतिक भोजन शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है। इस कारण से, फल और सब्जी के व्यापार में अच्छी वृद्धि हुई है।

पांच वर्षों में 2020 तक, केवल 2022 में 1% की अपेक्षित वृद्धि के साथ उद्योग राजस्व 5 .2% की वार्षिक दर से $ 7.1 बिलियन हो गया है। क्योंकि यह व्यापार बहुत ही बढ़ी उछाल का अनुभव कर रहा है, इसलिए आपके लिए  Vegetables Business शुरू करने का यह सही समय है, ताकि Competition बढ़ने के पहले ही व्यापार  स्थान प्राप्त करले।

इस पोस्ट में, हम आपको कुछ ऐसे Vegetables Business Ideas की जानकारी शेयर करने जा रहे हैं, जिन्हें आप Fruits और Vegetables Business शुरू कर सकते हैं।

Here The List of 11 Best vegetable business ideas in Hindi.

Table of Contents

1. जैविक उत्पादन फार्म (Organic production farm)

Vegetables Business Ideas

सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक जैविक कृषि व्यवसाय है जिसमे जैविक उत्पाद विकसित करना मुख्य है। यह पारंपरिक खेतों द्वारा उपयोग किए जाने वाले रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के बिना, नियमित उत्पादन खेती के समान है।

यह एक सत्य तथ्य है कि अधिकतर लोग जैविक खाद्य पदार्थ खाने की अवधारणा को स्वीकार करने लगे हैं, इसलिए आपको जैविक उत्पादन के तरीके से उपजाए हुए फल और सब्जियां बेचने में कोई समस्या नहीं होगी।

इस व्यवसाय में तेजी से आगे बढ़ने का तरीका यह है कि आपकी उपज 100 प्रतिशत कार्बनिक हो, क्योंकि यदि आप धोखा देते हुए पकड़े जाते हैं, तो लोग कभी भी आप पर भरोसा नहीं करेंगे।

2. रोडसाइड फार्म (Roadside farm)

बागवानी ज्यादातर लोगों के लिए एक शौक है या बाहर का आनंद लेने और अपने परिवार की मेज के लिए ताजा, स्वादिष्ट भोजन प्रदान करने का एक तरीका है। जैसा कि वे सफलतापूर्वक बढ़ती सब्जियों के साथ अनुभव प्राप्त करते हैं, माली जो पौधे लगाते हैं अक्सर अपने बगीचे के आकार के साथ-साथ उन सब्जियों की किस्मों का विस्तार करते हैं।

यदि आपके घर के आगे या पीछे पढ़ी जगह में सब्जिया आसानी से उग जाती है तो आपको उसमे सब्जिया उगाकर रोडसाइड फॉर्म खोलकर व्यापार करने के बारे में जरूर सोचना चाहिए।

यदि आप  सब्जियों की खेती करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप उन्हें स्थानीय किसानों से थोक में खरीद सकते हैं और स्थानीय बाजारों और मेलों में बिक्री कर सकते हैं।

3. सब्जियों की थोक कंपनी शुरू करें (Start a vegetable wholesale company)

थोक विक्रेता बनना आज के समय एक बहुत बढ़ी  उपलब्धि है और बात करे सब्जियों की व्यापार की इसमें थोक विक्रेता बनने के लिए न तो अधिक निवेश की जरूरत है और न ही अधिक मेहनत की क्योकि इसमें बहुत ही कम Competition है।

आप अपने क्षेत्र में सब्जियों का थोक व्यापार खोलने से पहले उस क्षेत्र में Competition का आकलन करना एक अच्छी पहल होगी।

यदि आप अच्छा नेटवर्क बनाकर सही तरीके से सब्जियों और फलो का व्यापार करेंगे तो आसानी से सफल हो जायेगे लेकिन यदि इसमें थोड़ी सी भी चूक हुई तो आपको सब्जियों के सड़ने की वजह से हानि भी उठानी पड़ सकती है

अतः सब्जिया खरीदकर भंडार में रखने से पहले उनकी गुणवत्ता जरूर जांचे और विक्रय का अनुमान लगाकर कम से कम भण्डारण करे।

4. हाइड्रोपोनिक सब्जी फार्म (Hydroponic vegetable farm)

Vegetables Business Ideas

हाइड्रोपोनिक्स जल संस्कृति का एक उपसमुच्चय है, जो एक पानी के विलायक में खनिज पोषक तत्वों के समाधान का उपयोग करके मिट्टी के बिना पौधों को उगाने की एक विधि है। पौधे अपने स्वयं के विटामिन बनाते हैं, इसलिए विटामिन का स्तर समान होता है अतः एक सब्जी हाइड्रोपोनिक रूप से या मिट्टी में उगाई जाती है।

इस कारण से, आप एक हाइड्रोपोनिक फ़ार्म स्थापित कर सकते हैं जहाँ आप बाज़ार के लिए ताज़ी सब्जियाँ उगा सकते हैं। क्योंकि आप उन स्थितियों का प्रबंधन कर सकते हैं जिन पर आप सब्जियां उगाते हैं।

आप अच्छी पैदावार पाने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं। यदि आप अपनी सब्जियों का विक्रय खुद नहीं कर सकते हैं, तो आप थोक विक्रेताओं से संपर्क बनाकर उनको खेत से खरीद ले जाने का प्रबंध कर सकते है।

5. सब्जी के लिए मोबाइल ऐप बनाएं (Create Mobile App for Vegetable)

मोबाइल ऐप उद्योग वास्तव में विकसित हो गया है, व्यवसायों के लिए हमेशा ऐसे ऐप की तलाश रहती है जो उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करें।

यदि आप मोबाइल ऐप के विकास के प्रति जागरूक हैं, तो आप एक ऐसा ऐप विकसित कर सकते हैं, जहाँ लोग विशेष रूप से आपके क्षेत्र में ताजे फल और सब्जियां ऑर्डर कर सकें। आप ऐप पर किसानों और थोक विक्रेताओं को सूचीबद्ध कर सकते हैं, ताकि उपभोक्ता आसानी से ऑर्डर कर सकें।

मोबाइल एप के द्वारा लोग आसानी से घर बैठे या दुकान पर बैठकर सब्जिया खरीद और बेंच पाएंगे। जिसकी वजह से यह ऐप्प अच्छा विकसित होगा और आपका व्यापार अच्छा मुनाफा अर्जित करेगा।

6. सब्जियों के छोटा स्टोर खोलें (Open small vegetable store)

यदि आपके पास में छोटी सी जगह है जहा आप सब्जी की दुकान खोल सकते है और आप एक व्यापार शुरू करना चाहते है तो सब्जियों का छोटा सा स्टोर खोलना और अपने खुद के फल और सब्जियां क्यों न बेचें?

यदि आप बागवानी से प्यार करते हैं; अपने स्वयं के फलों और सब्जियों को उगाना, पोषण करना और बेचना, अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद हो सकता है।

इसके अलावा, यह करना आसान है, इसे स्थापित करने के लिए बहुत अधिक लागत नहीं चाहिए है और एक अच्छी आय बना सकते हैं, खासकर, अगर आप अपनी उपज को अच्छी कीमत पर बेचते हैं।

यदि आप अपने स्वयं के उत्पादन के साथ अपने फल और सब्जी स्टोर को स्टॉक करने का लक्ष्य बना रहे हैं, तो आपको अपने उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। शायद आप अधिक भूमि में निवेश कर सकते हैं और बढ़ती उपज के लिए बड़े क्षेत्र बना सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें !

7. जैविक पौधे खाद्य पाउडर का उत्पादन करें (Produce organic plant food powder)

Vegetables Business Ideas

पेरिहाबिलिटी, शिपमेंट वजन और फलों और सब्जियों के साथ काम करने की लॉजिस्टिक के कारण, उद्यमी व्यवसाय को काफी हद तक ठीक पाते हैं, न कि वे उस कचरे की बात करते हैं जो वे नियमित रूप से करते हैं।

ताजे-सूखे कच्चे पूरे ऑर्गेनिक प्लांट फूड पाउडर अब एक ऐसे व्यवसाय का जवाब हैं जो बिना नुकसान पहुंचाए फलों के उत्पादों को शिप करना चाहता है।

चूँकि शिपमेंट से पहले फलों और सब्जियों से पानी निकाल दिया जाता है, इसलिए कोई ख़राबी नहीं होती है और शिपमेंट का वजन बहुत कम होता है। उत्पादों को कहीं से भी शिप ड्रॉप किया जा सकता है। जबकि ताजा हमेशा सबसे अच्छा होता है, फल और सब्जियों से युक्त ई-व्यवसाय बनाने के लिए ताजा-सूखा दूसरा सबसे अच्छा और एक बेहतर विकल्प है।

8. ऑनलाइन सब्जियां ऑर्डर-डिलीवरी प्लेटफॉर्म बनाएं (Create online vegetables order-delivery platform)

ऑनलाइन सब्जियां ऑर्डर करने वाले डिलीवरी प्लेटफॉर्म दुनिया भर में विकसित हो रहे है और खुद के लिए भी लाभ कमा रहे हैं। ऑनलाइन किराना या ऑर्गेनिक प्रोडक्ट ऑर्डरिंग के साथ, आप अपने सब्जियों को ऑर्डर करने के लिए विकल्प देकर अधिक ग्राहकों को आमंत्रित कर रहे है।

यदि व्यक्ति ऑनलाइन सब्जिया आर्डर कर सकता है तो वह कभी बाजार जाकर सब्जिया खरीदने में समय बर्बाद करने की नहीं सोचेगा।

आपको एक आसान ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे वेबसाइट या मोबाइल एप्प बनाना है जिसमे आपके स्टोर में उपलब्ध समस्त सब्जिया आसानी से आर्डर की जा सके और कुछ लोगो को तैयार करना होगा जो आपकी सब्जियों को घर घर जाकर वितरण कर सके।

इतने आसान काम को करके आप आसानी से एक ऑनलाइन सब्जीयो का प्लेटफार्म बना पाएंगे और एक अच्छा व्यापार शुरू कर पाएंगे।

9. पैक्ड कट सब्जियों का व्यवसाय (Packed Cut Vegetables Business)

जैसा कि हम सभी जानते है कि लोग अब अपने रोजाना कामो में इतने व्यस्त है कि वह काम कैसे कम किये जाये यह खोजते रहते है।

ऐसे में यदि आप सब्जिओं को काटकर, पैक करके बेचना शुरू करते है तो यह लोगो का बहुत समय बचाएगा और लोग कटी और पैक सब्जियों को जरूर खरीदेंगे।

पहले से भी अनेक शहरो में कटे फल और सब्जिओ की दुकाने अच्छा व्यापार कर रही है ऐसे में आपको भी अपने क्षेत्र में एक कटी और पैक सब्जियों की दुकान खोलकर इसका व्यापार करना चाहिए।

10. रोड के बाजू में सब्जी की दुकान खोले (Vegetable Shops Opened on The Side of The Road)

एक सड़क के किनारे सब्जियों का स्टॉल खोलना, एक शानदार व्यवसाय है, क्योंकि इसमें शुरुआत में कम से कम लगत की जरूरत होती है, लाभ की क्षमता बहुत बढ़िया है।

ताजा सब्जियों की मांग अधिक है। यदि आपके पास एक खेत है, तो यह सब खाने या उन्हें दूर करने के बजाय, आप अपने घर के चारों ओर एक सब्जियों की दुकान खोल सकते हैं और अपने खेत की सब्जिओ को पड़ोसियों और राहगीरों को बेच सकते हैं।

उत्कृष्ट स्थानों में व्यस्त पर्यटक क्षेत्रों में और बाहर गैस स्टेशन पार्किंग स्थल, औद्योगिक पार्क और मुख्य राजमार्ग आदि जैसे जगहों पर सब्जिओ और फलो की दुकान रोड के बाजु में खोलना बहुत ही लाभ दायक कार्य है।

11. सब्जियों को घर-घर जाकर बेंच (Vegetables Go Door to Door)

Vegetables Business Ideas

यदि आपके पास एक खेत है जहां आप सब्जियां और कुछ फल लगा सकते हैं, तो एक तरीका है कि आप अपनी उपज को विक्रय कर सकते हैं यदि आप स्टाल लगाने का झंझट नहीं चाहते तो आपकी सब्जियों को घर-घर ले जाए।

शुरुआत में आपको अपने डोर तो डोर सब्जिओ के व्यापार को पंजीकृत करने की जरूरत भी नहीं है जब आपका व्यापार बढ़ने लगता है और आपको अच्छा मुनाफा होने लगता है तो आप इसको बाद में पंजीकृत कर सकते है।

आशा है ऊपर दिए गए Vegetables Business Ideas आपको पसंद आएंगे और आप आसानी से किसी एक Vegetables Business को शुरू कर पाएंगे।

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Vegetable Farming Business Plan for High Yield and Profits

Table of contents, things to consider in starting a vegetable farming business, production factors and techniques for vegetable farming business, marketing strategies used in a small vegetable farming business plan , importance of vegetable production, factors that determine successful vegetable production, production techniques of quality vegetables, production plan of a vegetable farming business, some of the important high yield vegetable crops, the conclusion of a vegetable farming business plan.

Introduction to vegetable farming business plan

Vegetables are very important sources of vitamins, minerals, and antioxidants providing human health benefits. Vegetable farming business is a profitable business and this not only for a big farmer. It is also profitable for small and marginal farmers. A small-scale vegetable farming has the earning potential throughout the year. If you are planning for commercial vegetable production for maximum profits, you must have a proper vegetable farming business plan.

A step by step guide to vegetable farming business plan

Growing vegetable crops is the perfect way to turn your gardening skills and knowledge into extra income. Business planning is the key to success when you’re ready to invest in starting a vegetable-production business . Poor management and lack of planning are, in many cases, the main causes of business failure. Vegetable farming is a type of crop production intended mainly for human consumption of the crop’s edible parts such as the shoot, leaves, fruits, and roots. According to the consuming part of the crop, vegetables are mainly divided into the following groups;

  • Leafy vegetables (lettuce, cabbage, spinach)
  • Fruit vegetables (pepper, cucumber, tomato)
  • Root vegetables (carrot, radish, sweet potato)
  • Bulb vegetables (garlic, onion, fennel)
  • Flower vegetables (artichoke, cauliflower, broccoli)

Starting a vegetable farming business.

Vegetable farming business demands proper planning, investment, adequate knowledge, and marketing. However, here we have discussed some of the main essentials;

  • First of all, a solid vegetable farming business plan is very important.
  • In starting, figure out how must land area you have for vegetable farming.
  • According to the agro-climatic condition choose the vegetable for farming.
  • You must consider the local market because vegetables are hugely perishable items.
  • Also, cultivate the scope of export.
  • Select the right species.
  • Furthermore, you must arrange the proper irrigation for your vegetable farm.
  • Plan for harvesting storage.
  • Calculate the entire working capital cost.
  • Finally, you must arrange the required finance.

Vegetable farming business requires attention to all production operations, including insect, disease, and weed control and efficient marketing. The kind of vegetable grown is determined by consumer demands, which can be defined in terms of vegetable variety, size, tenderness, flavor, and type of pack. Though, effective management involves the adoption of methods resulting in a steady flow of the desired amount of produce over the whole of the natural growing season of the vegetable crop. Many vegetable plants can be grown throughout the year in some climates, while yield per acre for a given kind of vegetable varies based on the growing season and region where the crop is produced.

Climate – Climate involves the temperature level, moisture, daylight, and wind conditions of a specific region. Climatic factors strongly affect all stages and processes of vegetable plant growth

Temperature – Temperature requirements are mainly based on the minimum, optimum, and maximum temperatures during both day and night throughout plant growth.

Moisture – The amount and annual distribution of rainfall in a region, particularly during certain periods of development, affects local crops.

Daylight – Light is the source of energy for vegetable plants. The response of plants to light is mainly dependent upon light intensity, quality, and daily duration.

Site – The choice of a site involves such factors as soil and climatic regions.

Soil preparation and management – Soil preparation and management for vegetable growing involves many of the usual operations required for other crops. Good drainage is important for early vegetables because of wet soil retards development.

Propagation – Propagation of vegetable plants, involving the formation and development of new individuals in the establishment of new plantings, is accomplished by the use of either seeds or the vegetative parts of plants.

Planting – Vegetable crops are planted in the field where they are to grow to maturity. A few kinds are commonly started in a seedbed, established in the greenhouse or the open, and transplanted as seedlings.

Cultivation – Vegetable cultivation refers to stirring the soil between rows of vegetable plants.

Irrigation – Vegetable farming requires irrigation in arid and semi-arid regions, and irrigation is frequently used as insurance against drought in more humid regions.

Disease and insect control – The vegetable production of satisfactory crops requires rigorous disease- and insect-control measures. Crop yield can be lowered by disease or insect attack, and when plants are attacked at an early stage of growth the entire crop may be lost. Reduction in the quality of crops may also be caused by diseases and insects.

Harvesting – The development stage of vegetables when harvested affects the quality of the product reaching the consumer.  

Marketing strategy to the small vegetable growing farmer can be;

  • Collective approaches, no individual side marketing
  • Growing quality vegetables.
  • Collection through cooperative or committee.
  • Standardization of the product.
  • Sale in the outlet by cooperative or Malls.
  • Welfare strategy for farmers in profit distribution.
  • Government subsidy to the collective approach.

In case if you miss this: Growing Medicinal Plants Hydroponically .

Importance of vegetable production.

Vegetables are vital to the general good health of human beings, and providing necessary vitamins and minerals, and reducing risk from dangerous diseases and other medical conditions. First, of course, you would need a piece of land to start vegetable farming and try at least an acre for commercial vegetable growing. Then you would require equipment, which you can buy, lease or borrow, such as a tractor, tiller, plow, disc, cultivator, and planter. Lower your production cost as much as possible by spending on equipment only when required. Unnecessary expenses on equipment can eat away potential profits.

Vegetable production provides a promising economic opportunity for reducing rural poverty and unemployment in developing countries and is the main component of farm diversification strategies. Vegetables are mankind’s most affordable source of vitamins and minerals required for good health.

Importance of vegetable production is;

  • Importance in human nutrition
  • Vegetables are a very important source of farm income
  • Vegetables have aesthetic value
  • Vegetable production for medicinal purpose
  • Roll of vegetables in the national economy
  • Flexibility in plant production program-unlike the fruits with vegetables the production program can be adjusted and changed for better profits according to needs. With fruits, it is a difficult time taking and expensive to change the production program if it turns out to be unprofitable.

Whether the growth of vegetables is intended for fresh consumption, processing, and seed production, it can be a profitable vegetable business . However, there are a few factors that can influence the profitability of vegetable production from its early beginnings;

  • Seed quality; the sowing of quality, clean, labeled, graded to size, viable, and healthy seed can make all the difference between success and failure in vegetable farming.
  • Optimal time of sowing and planting; depends on the climate and environmental conditions of the specific area, as well as requirements of each crop.
  • Method of planting; the secret to successful vegetable farming lies in the managing of optimal plant requirements, by combining the production of transplants in the greenhouses with planting in the field.
  • Finally, considering effective farm management is the first step in creating profitable vegetable production . In essence, farming of these colorful plants can be a profitable business.
  • Some plants have high labor requirements to grow. Before selecting a vegetable to raise, know first the extent at which some plants need tending. Then, determine whether you have the time to invest to grow and market it. For example, if you expect to be unable to get your products sold immediately, avoid easily perishable crops such as asparagus, sweet corn, peas and grow potatoes and onions instead.
  • Some plants are difficult to grow and need special attention from the farmer for optimum results. Your choice of the crop must consider whether you have the knowledge and experience in growing such crops and whether you are willing to learn from available resources. Also, some plants would need special equipment. Select those you won’t need to buy the equipment to grow.

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Production techniques of quality vegetables.

The quality of vegetables mainly depends on the horticultural production systems, environmental factors, and management practices used. Climatic conditions such as temperature and light intensity have a strong influence on the nutritional quality of vegetables. Hydroponic cultivation technique ensures the production of quality vegetables, and in this culture system, both plant nutrition and environmental conditions are artificially managed according to the plant need. Growing quality vegetables is easier and safer in hydroponic compared to conventional soil culture. The advantages of this system are that plant roots are visible and the root zone environment can be easily monitored. In this system of cultivation, the yield of the vegetable crop can be maximized through the efficient use of all resources, and it is believed to be the intensive form of agricultural enterprises for commercial production of greenhouse vegetable plants .

Soilless culture of vegetables uses inert organic or inorganic substrate through the hydroponic nutrient application. This culture has been reported to practice in the greenhouse as an alternative to conventional filed cultivation of many high-value vegetable crops. Under these protected cultivation systems, weather factors, the amount and composition of nutrient solution, and the growing medium can be managed successfully. Therefore, the quality of vegetable crops grown through soilless culture improves significantly compared to conventional soil culture. Many researchers found better taste, uniformity, color, texture, and higher nutritional value in fruits grown in soilless culture than in soil cultivation methods.

Once you have a clear idea of what you want your vegetable farm business to look like, what you want to produce, and where you will sell your product, you need to establish a production plan. Some factors to consider are listed below;

Capital needs – Identify the investment and cash operating needs and how much you will need to borrow.

Infrastructure and equipment – Identify what equipment you need for the vegetable crops you will produce. Also, depending on the packaging and also handling requirements identify what type of infrastructure will be needed.

Management – Identify the production, management, and marketing skills essential to make your enterprise successful. If you do not have those skills, identify ways to acquire them, which can include hiring additional labor.

Planting and harvesting schedule – Plan the best timing for planting and harvesting your vegetable crops, based on plant varieties and availability of labor. Remember to plan planting dates based on your harvest schedule (e.g., customer demand).

Post-harvest and sanitation – Post-harvesting needs (sanitation, handling, and cooling) are very important aspects that need careful thought. Cooling is essential to delay produce spoilage and keep it fresh. When the product is not sold and delivered immediately after harvest, a cold storage option can be needed.

Enterprise analysis – Keep good plant production and financial records to help you make good decisions in the future. Use records to identify problems that need to be solved and to identify what practices and crops are profitable for your business.

List of high yield vegetable crops can be given below;

Cucumbers – In an acre area, around 12000 cucumber plants are planted (3 plants per square meter) and each plant yields an average of about 5 to 7 kg per cycle. This will yield about 8,400 to 10,500 plants per acre.

Squash – In general, each squash plant produces about 5 to 25 pounds of yellow squash during the growing season. A 10-foot row of yellow squash averages about 20 to 80 pounds of squash.

Beans – The average yield is about 100 to 120 quintals of green pods per hectare can be expected.

Tomatoes – The average tomato crop yield per acre in India is 10 tonnes although the yield varies from 15 to 20 tonnes per acre in case of irrigated crops.

Peanuts – Grown mainly through age-old farming techniques, peanut yield in India is about 700 to 900 kg per hectares.

Potatoes – During the first year of cultivating potatoes, a good yield can be about 10 tons per acre. Experienced farmers after years of practice can achieve yields 16 to 28 tons per acre.

Peppers – The yield per acre of pepper is about 0.39 tonnes per hectare. This indicates a plant population of 10,250 plants per acre, thus the average yield per plant is 3.6 pounds.

Beetroot – The beetroot crop yields about 20–25 tonnes/hectare in 120 days.

Radishes – It yields about 200 to 250 quintals fresh radish per hectare.

Lettuce – The average yield of lettuce is about 80 to 120 quintals per hectare.

The above information may also be used for Polyhouse vegetable farming, Greenhouse vegetable farming, and even vegetable farming at home. In case if you are interested in this: How to Make Money from a Vegetable Farming .

10 COMMENTS

Thanks for ur information it’s very useful to me..

insightful information for beginners like me. How can I get this information handy for referral purposes during my start up farming carrer

I would like to set a agriculture business in 100 Acre land in Gujarat. I need prepare a business plan which should include crop name, it production detail per year and estimed income. I also need to have deails of other related investmenet like equipments, storage facility, labour cost , water cost , fertiliser cost etc

I want to be a farming business man

The content is important for a small scale farmer who is not in a position to get extension services from agricultural officers. It help me acquire some knowledge in writing a proposal for my vegetable project.

Good information for me to start my vegetable project to feed my country I would like to receive more information through my email as a guide for my project Thank you

Thanks for the Info, I am planning to start the farming can I get more info about the farming with Advance Technology how we built the prototype model first.

This is a great insight into vegetable farming. I wanna develop a business plan for vegetable production on campus. How can I start and what kind of marketing strategy plan do I have to implement

Thank you for the information. Also I would like to receive more information.

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Kheti Ki Jankari

सब्जी की खेती कैसे करें | Vegetable Farming in Hindi | सब्जी की जैविक खेती का तरीका

Table of Contents

सब्जी की खेती करने का तरीका से सम्बंधित जानकारी

वर्तमान समय में देश में बड़े क्षेत्रफल पर सब्जियों की खेती उगाई जाती है| अगर आप भी सब्जियों की खेती आधुनिक और उन्नत खेती को करना चाहते है, तो आप उसमे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं| आपको यह जानना भी ज़रूरी है कि जनवरी व फरवरी महीने में आप सब्जियों की उन्नत किस्में लगा सकते हैं, जिससे मार्च और अप्रैल महीने तक अच्छा उत्पादन लिया जा सके, अच्छी पैदावार लेने के लिए बढ़िया पौधों के साथ-साथ उनकी उन्नत फसल का उत्पादन होना बहुत ज़रूरी है|

vegetable business plan pdf in hindi

हर सब्जी के लिए पनीरी तैयार करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है पर मिर्च , गोभी , बैंगन , टमाटर , प्याज़ आदि की नर्सरी तैयार किये बिना बढ़िया और मुनाफे वाली खेती नहीं की जा सकती है| पनीरी लगाने से नर्सरी में पौधों की जड़ों का बहुत अच्छा विकास होता है जिससे वह पौष्टिक तत्वों को अच्छी तरह ग्रहण कर लेती है और बढ़िया पैदावार का मुख्य कारण बन जाती है| तो आइए जानते हैं कम खर्च में सब्जियों की उन्नत खेती कैसे करें| आज हम आपको इस आर्टिकल के मध्यम से खेती कैसे करे खेती से जुड़ी सारी जानकारी देने जा रहे है|

मसालों की खेती कैसे करें

सब्जी की खेती कैसे करें (How to Cultivate Vegetables)

जैसा की आप सब जानते है, कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में साग-सब्जियों का  महत्वपूर्ण स्थान है| विशेषकर शाकाहारियों के जीवन में स्थान है| साग-सब्जी भोजन में ऐसे पोषक तत्वों के स्रोत हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को ही नहीं बढ़ाते, बल्कि उसके साथ  स्वाद को भी बढ़ाते हैं| सब्जी की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको 30-40 सेंटीमीटर की गहराई तक कुदाली या हल की सहायता से या फावड़ा कि माद्दत से जुताई करनी होगी, और उसके बाद  खेत से पत्थर, झाड़ियों एवं बेकार के खर-पतवार को हटा देने होंगे|

खेत में अच्छे तरीके से निर्मित 100 किलोग्राम कृमि खाद चारों ओर फैला दे| आवश्यकता के अनुसार 45 सेंटीमीटर या 60 सेंमी की दूरी पर मेड़ या क्यारी बना दे| उसके बाद बुआई की जाने वाली सब्जी जैसे – भिंडी , बीन एवं लोबिया आदि की बुआई मेड़ या क्यारी बनाकर की जा सकती है। दो पौधे लगभग 30 सेमी. की दूरी पर लगाई जानी चाहिए| और पुदीना ,प्याज एवं धनिया को खेत के मेड़ पर उगाया जा सकता है| प्रतिरोपित फसल, जैसे – टमाटर, बैगन और मिर्ची आदि को एक महीना पूर्व में नर्सरी बेड या मटके भी में उगाया जा सकता है|

  • बुआई के बाद मिट्टी से ढंककर उसके ऊपर 250 ग्राम नीम के फली का पाउडर बनाकर छिड़काव किया जाता है ताकि हम इसे चीटियों से बचा सके| टमाटर के लिए 30 दिनों की बुआई के बाद तथा बैगन, मिर्ची तथा बड़ी प्याज के लिए 40-45 दिनों के बाद पौधे को नर्सरी से निकाल दिया जाता है| टमाटर, बैगन और मिर्ची को 30-45 सेंमी की दूरी पर मेड़ या उससे सटाकर रोपाई की जाती है। प्याज के लिए मेड़ के दोनों ओर लगभग 10 सेमी. की जगह छोड़नी पड़ती है| रोपण के तीसरे दिन पौधों की अच्छे से सिंचाई की जाती है| प्रारंभिक अवस्था में इस प्रतिरोपण को 2  दिनों में  1 दिन बाद पानी दिया जाता है, तथा बाद में 4  दिनों के बाद पानी दिया जाता है|
  • सब्जी बगीचा का मुख्य उद्देश्य जायदा से जायदा लाभ प्राप्त करना है तथा वर्षभर घरेलू साग-सब्जी की आवश्यकता की पूर्ति भी करना है| कुछ तकनीको को अपनाते हुए इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है| बगीचा के एक छोर पर 12 महीने पौधों को उगाएं तथा इससे इनकी छाया अन्य फसलों पर न पड़े और  अन्य साग-सब्जी फसलों को पोषण दी जा सकें| बगीचा के चारों और तथा आने-जाने के रास्ते का उपयोग विभिन्न अल्पाविध हरी साग-सब्जी जैसे – मेथी, धनिया, पालक, पुदीना आदि उगाने के लिए किया जा सकता है|

भांग की खेती कैसे करें

सब्जी की जैविक खेती का तरीका (Method of Organic Farming of Vegetables)

आपको बता दे की बिना रसायन वाली प्राकृतिक खेती ही जैविक खेती होती है| इसमें गोबर खाद , कम्पोस्ट , जीवाणु का खाद, फसल चक्र, फसल अवशेष और प्रकृति में मिलने वाले खनिज पदार्थों द्वारा पौधों को पोषक तत्वों प्रदान किये जाते हैं| जैविक खेती में रोग व कीट प्रबंधन के लिए प्रकृति में मौजूद मित्र कीटों, जीवाणुओं, जैव एजेंट और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग भी किया जाता है|

इस खेती में रसायनों का प्रयोग नहीं होने से जैविक खेती का कम (rate) मूल्य होता है और इससे निकलने वाले जैविक उत्पादों का मंडी भाव भी बहुत ज्यादा होता है| जैविक सब्जी की खेती करते वक्त अक्सर ये प्रश्न रहता है कि पौधों को समय-समय पर पोषक तत्वों, खाद-पानी, और कीटनाशक वगैरह की आवश्यकता पड़ती है, तो इन सब चीजों को कैसे दिया जाए।

छत पर खेती कैसे करें

सब्जियों की जैविक खेती और कीटनाशक से लाभ ( Organic farming Of Vegetables & Benefits From Pesticides )

सब्जियों की जैविक खेती, हमारे भारत देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतिशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि-रक्षा-रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई| परन्तु कुछ समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में गिरावट आने लगी है| इसका प्रमुख कारण यह भी की भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना | रासायनिक उर्वरकों के असन्तुलित प्रयोग और जैविक खादों के नगण्य उपयोग के कारण भूमि में गौण तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने से न केवल फसलों की पैदावार में गिरावट आयी है, बल्कि विभिन्न कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में भी बहुत प्रभाव पड़ा है|

यह समस्या अधिकतर सब्जियों की खेती में पायी गई है, क्योंकि इनमें अन्य फसलों की तुलना में रासायनिक उर्वरकों और कृषि-रक्षा-रसायनों के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग से वातावरन  प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है|जिसके कारण मनुष्यों और पशुओं में तरह-तरह की भयानक बीमारी पनपने लगी हैं| इन सभी परिस्थितियों में सब्जियों की जैविक खेती को अपनाकर न केवल गिरते हुए मिट्टी स्वास्थ्य और वातावरणीय प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सकता है, और मनुष्य की पोषण सुरक्षा को भी सुनिश्चित की जा सकती है|

जैविक खेती पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण

जैविक सब्जी खेती का महत्व (Organic Farming Importance)

जैविक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों की फसलें कम उपज देती हैं। हालांकि इसकी पोषक गुणवत्ता और भंडारण विशेषताओं के कारण पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों की तुलना में इनका महत्व अच्छा है। ऑर्गेनोलेप्टिक अध्ययनों से पता चला है, कि टमाटर और आलू जैसी सब्जियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाने पर उनका स्वाद बेहतर होता है। इसी तरह पारंपरिक रूप से उगाए गए फलों की तुलना में फलों का स्वाद, बनावट और जूस बेहतर था। इसी तरह जैविक रूप से उगाई जाने वाली भिंडी और गाजर में पारंपरिक रूप से उगाए गए स्वाद और चीनी की मात्रा जैसी बेहतर गुणवत्ता वाली विशेषताएं पाई गईं।

अत्यधिक नाइट्रेट का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। पत्तेदार सब्जियां, विशेष रूप से, जड़ वाली सब्जियों और आलू के बाद अधिक नाइट्रेट जमा करती हैं। अध्ययनों ने पुष्टि की है कि पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों की तुलना में आलू, गाजर, पत्ता गोभी, चुकंदर, अजवाइन, लीक, अजमोद और लेट्यूस जैसी जैविक रूप से उत्पादित सब्जियों में नाइट्रेट का स्तर कम होता है और विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। 

इसी तरह अध्ययनों में यह पाया गया है, कि जैविक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियां गाजर, आलू, पालक, बैंगन, सलाद पत्ता और गोभी जैसी सब्जियों में कुल शर्करा, खनिजों जैसे फास्फोरस और मैग्नीशियम और फेनोलिक यौगिकों की उच्च मात्रा जमा करती हैं। मीठी मिर्च और बैगन जैसी जैविक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों में उच्च स्तर के फेनोलिक यौगिक, पेरोक्सीडेज और कैप्सिडोल गतिविधि होती है, जो रोगों के प्रतिरोध की पेशकश करती है।

ऑर्गेनिक खेती क्या होती है

जैविक सब्जी उत्पादन की स्थिति (Organic Vegetable Production Status)

पिछले कुछ दशकों के दौरान खाद्य सुरक्षा पर चिंता बढ़ रही है, जो बदले में जैविक खेती जैसी वैकल्पिक उत्पादन प्रणालियों पर किसानों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित कर रही है। बाजार की जरूरतों के जवाब में दुनिया भर में जैविक खेती सालाना 30% की दर से बढ़ने का अनुमान है । प्रमाणित जैविक उत्पादों, विशेष रूप से सब्जियों की मांग वर्तमान में आपूर्ति से अधिक है, इस प्रकार प्रीमियम बाजार मूल्य मिल रहा है।

विश्व स्तर पर कृषि उत्पादन प्रणाली तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रही है क्योंकि स्वस्थ और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित भोजन की मांग में वृद्धि हुई है। बढ़ती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए उत्पादकों का एक बड़ा हिस्सा अब जैविक उत्पादन प्रथाओं में स्थानांतरित हो रहा है। मिट्टी के सूक्ष्म जीवाणुओं को बढ़ाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में जैविक खेती की महत्वपूर्ण भूमिका है। इससे उपज, पौधों की संरचना के साथ-साथ पोषण गुणवत्ता में काफी वृद्धि हो सकती है।

मिट्टी की उर्वरता की स्थिति को बढ़ाने के अलावा, जैविक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों की पोषण गुणवत्ता को प्रशंसनीय पाया गया है। जैविक रूप से उगाए जाने पर गाजर, चुकंदर, सलाद, केल, लीक, शलजम, प्याज, अजवाइन और टमाटर जैसी सब्जियों की फसलों में लौह और मैग्नीशियम के उच्च स्तर दर्ज किए गए थे । विटामिन सी अपने उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण दैनिक अनुशंसित आहार में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए, कई शोध प्रयोगों का ध्यान जैविक रूप से उगाई जाने वाली सब्जियों में विटामिन सी की मात्रा पर रहा है।

रिफाइंड ऑयल [Refined Oil] कैसे बनता है

Agrolearner.com

Farming With Precision!

Fruit And Vegetable Business Plan

[Pdf Sample] Fruit And Vegetable Business Plan Docx

vegetable business plan pdf in hindi

Are you considering starting a fruit and vegetable business? Having a well-thought-out business plan is crucial for your success. In this article, we will provide you with a detailed guide on creating a fruit and vegetable business plan in PDF format.

From understanding the market to developing marketing strategies, we will cover everything you need to know to ensure your business flourishes. So let’s dive in and explore the essential components of a fruit and vegetable business plan.

[Pdf Sample] Fruit And Vegetable Business Plan Proposal Docx

Table of Contents

A well-crafted business plan is crucial for the success of any fruit and vegetable business. It serves as a roadmap, outlining the vision, goals, and strategies necessary to establish and grow the business.

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This comprehensive business plan aims to provide Agrolearners.com with a detailed framework for entering the fruit and vegetable industry, addressing key areas such as market analysis, competitive positioning, marketing strategies, operations, finances, and implementation.

Executive Summary: A Snapshot of Your Business

Agrolearners.com aims to establish a fruit and vegetable business that connects farmers with consumers, providing high-quality, locally sourced produce through an online platform. By leveraging technology and emphasizing sustainable farming practices , Agrolearners.com aims to bridge the gap between farmers and consumers, promoting healthier lifestyles and supporting local agriculture.

This business plan outlines the steps necessary to achieve this vision, positioning Agrolearners.com as a leading provider of fresh produce in the market.

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Business Description: Defining Your Fruit and Vegetable Business

Agrolearners.com is an online platform that acts as an intermediary between farmers and consumers in the fruit and vegetable industry. Our primary objective is to provide consumers with access to a wide range of fresh, locally sourced produce while empowering farmers by helping them reach a broader customer base.

By establishing a user-friendly website, implementing efficient logistics, and ensuring the quality and traceability of our products, we aim to differentiate ourselves in the market and become the go-to source for consumers seeking premium fruits and vegetables.

Market Analysis: Understanding the Industry and Target Market

The fruit and vegetable industry is experiencing significant growth due to increasing consumer demand for fresh and healthy food. With rising awareness of the importance of nutrition and sustainability, there is a growing market for locally sourced produce.

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Agrolearners.com will target health-conscious consumers who prioritize freshness, taste, and the support of local farmers. Through market research and analysis, we will identify consumer preferences, trends, and the competitive landscape to refine our offerings and marketing strategies.

Products and Services: What You Will Offer

Agrolearners.com will offer a wide variety of fruits and vegetables sourced directly from local farms . By collaborating with farmers who follow sustainable farming practices and prioritize quality, we will ensure that our customers receive produce that meets the highest standards.

We will establish relationships with multiple suppliers to ensure a consistent and diverse product range throughout the year. Additionally, Agrolearners.com will provide value-added services such as recipe recommendations, nutritional information, and convenient delivery options to enhance the customer experience.

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Competitive Analysis: Assessing Your Competitors

To position Agrolearners.com effectively, a comprehensive competitive analysis is crucial. We will identify existing players in the fruit and vegetable market, evaluate their strengths and weaknesses, and determine their market share and pricing strategies.

By leveraging our unique value proposition, including a user-friendly website, partnerships with local farmers, and an emphasis on sustainability, we will differentiate ourselves from competitors. Agrolearners.com will continuously monitor the market to stay ahead of emerging trends and adjust our strategies accordingly.

Marketing Strategies: Promoting Your Fruit and Vegetable Business

Agrolearners.com will implement a multi-faceted marketing strategy to build brand awareness, attract customers, and drive sales. Our strategies will include online marketing through social media platforms, search engine optimization (SEO), and content marketing.

We will also collaborate with health and wellness influencers to promote our brand and engage in targeted advertising campaigns. Moreover, Agrolearners.com will actively participate in local community events, sponsor farmer markets, and establish partnerships with local restaurants and food-related organizations.

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Operations and Management: Organizing Your Business

Agrolearners.com will require efficient and streamlined operations to ensure the seamless flow of produce from farms to consumers. This includes developing a user-friendly website for online ordering, implementing an effective inventory management system, and establishing reliable logistics and delivery networks.

We will invest in appropriate technology infrastructure, hire experienced personnel with expertise in agriculture, logistics, and customer service, and provide ongoing training and development to our team members to ensure operational excellence.

Financial Plan: Budgeting and Forecasting

The financial plan for Agrolearners.com will outline the projected revenue, expenses, and profitability over a specified timeframe. This will include detailed cost analysis for sourcing produce, website development, marketing, operations, and staffing.

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We will develop pricing strategies that balance affordability for customers while ensuring profitability. Additionally, we will explore funding options, including equity investments, loans, and grants, to secure the necessary capital for business development and expansion.

Implementation Plan: Putting Your Plan into Action

The implementation plan will outline the specific steps and timelines required to launch Agrolearners.com successfully. This includes securing necessary licenses and permits, finalizing partnerships with farmers, developing the website, establishing marketing campaigns, and setting up operational processes. We will create a project management framework to monitor progress, allocate resources effectively, and ensure timely execution of tasks.

Evaluation and Review: Measuring Success

Agrolearners.com will regularly evaluate key performance indicators (KPIs) to measure the success of the business. These KPIs may include customer acquisition and retention rates, revenue growth, customer satisfaction, and operational efficiency.

We will also gather feedback from customers and farmers to identify areas for improvement and make informed decisions to optimize our business strategies.

Here is the Download Link to Fruit And Vegetable Business Plan Sample By Agrolearner.com

Business Model for Agrolearners.com’s Fruit and Vegetable Business

Value proposition:.

Agrolearners.com offers consumers convenient access to a wide variety of high-quality, locally sourced fruits and vegetables. By connecting farmers directly with customers, we provide fresh produce that promotes healthier lifestyles while supporting local agriculture . Our value proposition lies in offering convenience, quality, sustainability, and a seamless customer experience.

Key Activities:

  • Partnering with local farmers and suppliers to source fresh and sustainable fruits and vegetables.
  • Developing and maintaining a user-friendly online platform for seamless ordering and delivery.
  • Implementing efficient logistics and supply chain management to ensure timely delivery.
  • Providing value-added services such as recipe recommendations, nutritional information, and personalized customer support.

Customer Segments:

Agrolearners.com targets health-conscious consumers who prioritize freshness, taste, and supporting local farmers. We also cater to customers seeking convenience and a hassle-free shopping experience for their fruit and vegetable needs. Our primary customer segments include individuals, families, health enthusiasts, and organizations such as restaurants, cafes, and community groups.

Customer Relationships:

We aim to establish strong and lasting relationships with our customers by: a. Offering personalized and responsive customer support through multiple channels (phone, email, chat). b. Engaging with customers through social media, newsletters, and informative content. c. Providing a seamless ordering and delivery experience that exceeds customer expectations. d. Actively seeking and valuing customer feedback to continuously improve our services.

Revenue Streams:

Agrolearners.com generates revenue through the following streams:

  • Product sales: Revenue generated from the direct sale of fruits and vegetables through the online platform.
  • Value-added services: Revenue generated from additional services such as recipe recommendations and nutritional information.
  • Delivery charges: Fees associated with delivery services to customers.
  • Partnerships: Collaborating with local restaurants, cafes, and organizations to supply fresh produce.

Key Resources:

  • Online platform: A robust and user-friendly website for product display, ordering, and customer management.
  • Supplier network: Strong partnerships with local farmers and suppliers to ensure a consistent supply of fresh produce.
  • Technology infrastructure: Necessary hardware and software for efficient operations, inventory management, and logistics. d. Skilled team: Experienced professionals in agriculture, logistics, customer service, and marketing.

Key Partnerships:

  • Farmers and suppliers: Collaborating with local farmers and suppliers to source fresh and sustainable produce.
  • Delivery partners: Establishing partnerships with reliable logistics companies for timely and efficient delivery.
  • Restaurants and cafes: Forming partnerships with local eateries to supply fresh produce for their menu requirements. d. Community organizations: Collaborating with community groups and organizations to promote healthy eating and local agriculture.
  • Online platform: The primary channel for customers to browse products, place orders, and access value-added services.
  • Social media and digital marketing: Utilizing platforms like Facebook, Instagram, and email newsletters to engage with customers, share content, and promote offers.
  • Physical presence: Participating in local farmers’ markets, community events, and pop-up stores to establish a physical connection with customers.

Cost Structure:

Agrolearners.com’s cost structure includes:

  • Procurement costs: Expenses associated with sourcing fruits and vegetables from farmers and suppliers.
  • Technology infrastructure: Costs related to website development, hosting, maintenance, and security.
  • Operations: Expenses for inventory management, packaging materials, quality control, and order fulfillment.
  • Marketing and advertising: Investments in digital marketing, social media campaigns, and promotional activities.
  • Staffing: Salaries and wages for employees involved in operations, customer service, and marketing.

Key Metrics:

To evaluate the success of the business model, Agrolearners.com will track key metrics such as:

  • Customer acquisition and retention rates.
  • Average order value and purchase frequency.
  • Customer satisfaction and feedback ratings.
  • Revenue growth and profitability.
  • Return on investment for marketing and advertising efforts.
  • Delivery efficiency and customer service response time.

By aligning its activities, resources, and revenue streams with customer needs, Agrolearners.com’s business model aims to create value for both consumers and local farmers while establishing a sustainable and profitable fruit and vegetable business.

This detailed business plan provides Agrolearners.com with a roadmap for entering and excelling in the fruit and vegetable industry. By prioritizing quality, sustainability, and customer satisfaction, Agrolearners.com aims to establish itself as a trusted brand in the market, connecting farmers with health-conscious consumers.

With careful execution, ongoing evaluation, and adaptation to market trends, Agrolearners.com is confident in the success of its vision to promote healthier lifestyles and support local agriculture.

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vegetable business plan pdf in hindi

Author: Adewebs

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2 replies to “ [pdf sample] fruit and vegetable business plan docx ”.

Dear Adeweb’s, Having read about the (PDF Sample) Fruit & vegetables essential components of the business plan. We are interested to know more information, as we are considering to start a fruit and vegetables business.

Thank you and looking forward to hearing from you.

Vivienne and Sebastian

We’re glad you liked what you read.

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Unique Business Plan: इस बिज़नेस को कर डाला तो लाइफ झिंगालाला, हर महीने आएंगें 25 हजार रुपए

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जैसा कि आप जानते हैं, पैसे के साथ बिजनेस शुरू करना आसान तो हो सकता है, लेकिन बिज़नेस के ज्ञान के बिना भी बिज़नेस शुरू करना मुश्किल भी हो सकता है। जी हाँ, बिज़नेस करना कोई आम बात नहीं है यह अपने आप में एक कला है। बिज़नेस करने के लिए हमें पता होना चाहिए की बिज़नेस कैसे करें। पैसे होने के बाद भी बिज़नेस की बारे में ज्ञान के आभाव की वजह से कुछ लोग बिज़नेस नहीं कर पाते है। बिज़नेस का ज्ञान होना भी किसी बिज़नेस में उतनी ही अहमियत रखता है जितना की पैसा।

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आज हम आपको एक ऐसे धमाकेदार बिज़नेस आईडिया के बारे में बता रहें हैं जिसे करना भी उतना मुश्किल नहीं है साथ ही इस बिज़नेस में कमाई भी अच्छी है। आज के बिज़नेस आईडिया के बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि कोई भी जानकारी आपसे न छूटे और आपको बिज़नेस करने में आसानी हो सके।

थोक सब्जियों का बिज़नेस कैसे करें?
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जैसा कि आप सभी जानते हैं, किसी भी बिज़नेस  की शुरुआत करते समय उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि आप जिस बिज़नेस को शुरू करने जा रहें हैं उसके बारे में जितनी अधिक जानकारी जुटाएंगे तो आपके बिज़नेस के सफल होने के चांस उतने ही बढ़ जाते हैं। आज हम  आपको बताएंगें की आप कैसे  छोटी-छोटी सब्जियों की बिक्री कैसे शुरू करें। हाँ, आप इस व्यवसाय की शुरुआत आसानी से कर सकते हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आप थोक सब्जियों का बिज़नेस कैसे शुरू कर सकते हैं?

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थोक सब्जियों का बिज़नेस कैसे करें 

थोक सब्जियों का बिज़नेस करने के लिए आपको बड़े बाजारों से या फिर सीधा नजदीकी किसानों से सब्जियाँ खरीदकर लानी है और उन्हें अपने स्थानीय बाजार में बेचना हैं। जिस क्षेत्र में सब्जियाँ की खफ्त अधिक उत्पादित होती हैं वहाँ सब्जी का बिज़नेस बहुत अच्छा मुनाफा देता है। आप मौसम के अनरूप सब्ज़ी खरीद कर लाएँगें और अपनी स्थानीय मार्किट में बेच देंगें या फिर आप सीधा छोटे स्तर पर काम करने वाले सब्जीवाले या फेरीवालों को अपनी सब्जी बेच सकते हैं। थोक सब्जी विक्रेता बनकर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं और लोग कमा भी रहे हैं। अच्छी सब्जियों और अच्छे दाम के लिए आप सीधा किसानों से संपर्क कर सकते हैं या फिर डायरेक्ट कोल्ड स्टोर या होलसेल के मालिकों से संपर्क कर सकते हैं जिससे की आपको अच्छा मार्जिन मिल सकेगा साथ ही अच्छी गुणवत्ता की सब्जियाँ भी।

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आप इस व्यवसाय को किसी भी स्तर पर शुरू करते हैं ये आप पर निर्भर है की आप अधिक पूंजी से काम की शुरआत करते हैं या फिर कम पूंजी से। अगर आप इस काम को बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अधिक निवेवश करना होगा जिससे बाद में आपको मुनाफा भी अधिक होगा। वहीं अगर आप इसे छोटे पैमाने पर शुरू करते हैं तो आपको अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होगी। अगर आप इस काम में शुरआत में 1,00,000 रुपये करते हैं तो आप आसानी 25 से 30,000 रुपये हर महीना कमा सकते हैं।

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IKamai India

पौंधों की नर्सरी का व्यापार कैसे शुरू करें। Plant Nursery Business।

Plant Nursery Business से आशय पौधों की नर्सरी यानिकी विभिन्न प्रकार के पौधे उगाकर उन्हें बेचकर कमाई करने से है । वर्तमान में लोग अपने घर कार्यालयों के आँगन में विभिन्न पौधे रखने का स्थान अवश्य बनाते हैं जिससे वातावरण खुशनुमा एवं स्वच्छ बना रहता है। एक Plant Nursery में तरह तरह के पौधे स्थानीय, इम्पोर्टेड एवं विदेशी इत्यादि मिलते हैं। इनमें से बहुत सारे पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें घरों या कार्यालयों के अन्दर गमलों में भी अच्छी तरह उगाया जा सकता है।

और कुछ पौधों को छत में तो कुछ पौधों के पेड़ काफी लम्बे एवं बड़े हो सकते हैं इसलिए इन्हें बड़ी एवं खुली जगह पर ही उगाया जा सकता है। वर्तमान में हर छोटे बड़े घर एवं कार्यालय में आपको गमले देखने को मिल जायेंगे और इन गमलों में अनेकों देशी विदेशी नस्ल के पौधे भी उगते हुए देखे जा सकते हैं। यह तो इस बिज़नेस का एक छोटा सा रूप है कहने का आशय यह है की एक Plant Nursery Business शुरू करने वाले उद्यमी के बड़े ग्राहक रिटेल में कुछ दस, पांच पौंधे खरीदने वाले ग्राहक नहीं होते हैं।

बल्कि वह अपने पौधों को नए स्थापित हो रहे पार्कों, बगीचों, कृषि फसलों, जंगलों इत्यादि के लिए बड़ी मात्रा में बेच सकता है। समय समय पर अनेकों सरकारी एवं गैर सरकारी प्रोजेक्ट ऐसे निकलते रहते हैं जिनमे बड़ी मात्रा में पेड़ पौधों की आवश्यकता होती है ऐसे में वे पेड़ पौधों को खरीदने के लिए Plant Nursery का रुख करते हैं ।

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प्लांट नर्सरी बिज़नेस क्या है ( What Is plant Nursery Business in Hindi):

हालांकि Plant Nursery Business का शाब्दिक अर्थ किसी स्थल पर पौधे उगाकर उनको बेचकर अपनी कमाई करने से है। कहने का आशय यह है की एक प्लांट नर्सरी कृषि का एक ऐसा भाग है जहाँ पौधों को प्रचारित, पोषित एवं बड़ा किया जाता है। और इन पौधों को घरों के बगीचों या व्यवसायिक उपयोग के लिए बेच दिया जाता है जहाँ से आसानी से बड़े हो सकें। एक Plant Nursery में उगाये गए पौधों को रिटेल नर्सरी, या थोक भाव में पौधे बेचने वाले नर्सरी को बेचा जा सकता है।

इस तरह का प्लांट अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के देशी विदेशी पौधों को खरीदने की फैसिलिटी प्रदान करवाता है। यही कारण है की एक Plant Nursery Business करने वाले उद्यमी के ग्राहक के तौर पर घरों में काम करने वाले माली, बागबानी करने वाले व्यक्ति, या फिर कोई व्यवसायिक किसान हो सकते हैं।

एक प्लांट नर्सरी में वे सभी प्रकार के पौधे उपलब्ध होने चाहिए जिन्हें बाहर के वातावरण के अलावा, घरों के अन्दर गमलों में भी आसानी से उगाया जा सके। इसके अलावा एक Plant Nursery में वे सभी प्रकार की वस्तुएं एवं उपकरण होते हैं जो इस बिज़नेस में आवश्यक रूप से चाहिए होते हैं इनमें पौधों के बीज एवं उनके प्रकार, मिटटी मिश्रण, खाद, कीटनाशक, बागबानी में काम आने वाला केमिकल, गार्डन टूल इत्यादि की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा उद्यमी किसी ग्राहक द्वारा पौधों के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब देने में भी समर्थ होना चाहिए। कुल मिलाकर विभिन्न प्रकार के पौधों को उगाकर उनको बेचकर कमाई करना ही Plant Nursery Business कहलाता है।

प्लांट नर्सरी बिज़नेस कैसे शुरू करें ( How to Start Plant Nursery Business in India):

अपना देश भारतवर्ष कृषि प्रधान देश है इसलिए यहाँ Plant Nursery Business शुरू करना इतनी टेढ़ी खीर नहीं है यही कारण है की इस बिज़नेस को स्टार्ट करने की प्रक्रिया के बारे में हम स्टेप बाई स्टेप न बात करके संक्षिप्त रूप से समझने की कोशिश करेंगे और बाकी लेख में हम इस बिज़नेस में प्रयुक्त होने वाली तकनिकी जानकारी पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे।

Plant Nursery Business भारतवर्ष के किसी भी कोने से शुरू किया जा सकता है यानिकी जहाँ आप रहते हैं आप इसे वहां से भी शुरू कर सकते हैं लेकिन इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए जमीन होना अति आवश्यक है जहाँ आप पौधों को उगा सकें। उद्यमी चाहे तो नर्सरी बिज़नेस को अपने घर के पिछवाड़े से भी शुरू कर सकता है, लेकिन खुले में इस तरह का व्यापार शुरू करने के लिए ग्रीनहाउस की स्थापना करनी होगी।

इस बिज़नेस को शुरू करने वाले व्यक्ति के पास यह स्पष्ट आईडिया होना चाहिए की किस प्रकार की प्रजाति के पौधों को वह अपनी नर्सरी में विकसित करेगा। आम तौर पर शहरी इलाकों में नर्सरी का बिज़नेस करने वाले लोग फूलों के पौधे, सजावटी पौधे, सब्जी के पौधे, अलंकारिक पौधे इत्यादि उगाना पसंद करते हैं क्योंकि उन इलाकों में इस प्रकार के पौधों की मांग अधिक होती है। इसलिए उद्यमी को इस तरह का व्यापार शुरू करने से पहले मार्केट की डिमांड को पहचानना होगा की उस मार्केट में किस प्रकार के पौधों की मांग अधिक हो सकती है।

Plant Nursery Business के लिए लोकेशन का चयन करते वक्त उस लोकेशन पर लगने वाली लागत इत्यादि का ध्यान रखें अपनी जमीन हो तो उद्यमी इस बिज़नेस को थोड़ी कम लागत के साथ भी शुरू कर सकता है इसके अलावा उद्यमी को राज्य के कृषि विभाग इत्यादि से ऐसी योजनाओं के बारे में पता कर लेना चाहिए जो इस तरह के व्यापारों को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाईन की गई हों।

यदि आपके घर के पिछवाड़े में ही पर्याप्त जगह है तो शुरूआती दौर में आप अपना Plant Nursery Business यही से शुरू कर सकते हैं। नर्सरी ऐसी जगह पर उपलब्ध होनी चाहिए जिससे उसे ग्राहक आसानी से मिल सकें अर्थात किसी शहर या नगर के नज़दीक होनी चाहिए और नर्सरी तक यातायात की उचित सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए।

प्लांट नर्सरी के लिए आधारभूत आवश्यकताएं:

Plant Nursery Business के लिए जमीन की आवश्यकता तो मुख्य रूप से होती ही होती है इसके अलावा बहुत सारे अन्य आधारभूत आवश्यकताएं भी होती हैं जिनका वर्णन हम इस लेख में नीचे करने वाले हैं।

पौधों के हिसाब से मिश्रित मिटटी की आवश्यकता:

बीज एवं पौधों के सफल अंकुरण के लिए पौधों के हिसाब से मिश्रित मिटटी तैयार करने की आवश्यकता होती है। अंकुरण पौधों की उत्पति के लिए बेहद जरुरी होता है और बीज को पोषण मिटटी से ही मिलता है जिससे अंकुरण होता है। इसलिए बीज के आधार पर मिश्रित मिटटी की तैयारी पहले ही कर लेनी चाहिए।

एक Plant Nursery में मिश्रित मिटटी तैयार करने के लिए बालू, लाल एवं काली मिटटी, स्पैगनम काई,पीट की काई, vermiculite, कम्पोस्ट खाद, बुरादा, खेतो की खाद इत्यादि उपयुक्त मात्रा में हमेशा चाहिए होती है। इस व्यापार में मिटटी बेहद महत्वपूर्ण तत्व होता है इसलिए यह सस्ते दामों में उपलब्ध होना बेहद जरुरी है।

प्लांट नर्सरी के लिए आवश्यक केमिकल एवं खाद:

बीज एवं पौधों को अनेकों बीमारियों एवं समस्याओं से बचाने के लिए Plant Nursery Business कर रहे उद्यमी को अनेकों केमिकल, कीटनाशक, कवकनाशक, तृणमारक एवं खाद इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है। संक्रमण से बचाने के लिए भी उद्यमी को विशेष प्रबंध करने होंगे पौधों का अच्छे ढंग से विकास के लिए जैविक खाद एवं रासायनिक खाद का संतुलित उपयोग होना चाहिए।

आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण:

Plant Nursery Business को कम लागत में कम समय में तेज गति से सफलतापूर्वक चलाने के लिए उपयुक्त प्रकार की मशीनरी एवं उपकरणों की नितांत आवश्यकता होती है। नर्सरी के दैनिक एवं नियमित कार्य जैसे पॉट भरना, कंटेनर भरना, ट्रांसपोर्टिंग, पौधों को पानी देने इत्यादि के लिए वाहन के अलावा अनेकों आटोमेटिक उपकरणों की आवश्यकता होती है। जो कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

नर्सरी के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता:

नर्सरी में काम करने के लिए मजदूरों की नितांत आवश्यकता होती है क्योंकि Plant Nursery Business में अनेक क्रियाकलापों जैसे कंटाई, छंटाई, निराई, गुड़ाई, सिंचाई, कीटनाशक का इस्तेमाल करना, पौधारोपण इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए एक नर्सरी में अनुभवी एवं कौशल से युक्त मजदूरों की आवश्यकता होती है। उद्यमी चाहे तो अपने बजट के हिसाब से इन्हें फुल टाइम या पार्ट टाइम के आधार पर काम पर रख सकता है।

नर्सरी व्यापार के प्रकार ( Types of Plant  Nursery Business in Hindi):

हालांकि नर्सरी में बीजों के माध्यम से अनेक प्रकार के पौधे जैसे फूलों की बागबानी के लिए, सब्जी की बागबानी के लिए, सजावटी पौधों की बागबानी के लिए पौधे कम से कम रखरखाव, कीमत एवं देखरेख के साथ उगाये जा सकते हैं। Plant Nursery Business कहीं से भी किया जाय यह एक लाभकारी बिज़नेस हो सकता है क्योंकि लोग घरों की बागबानी एवं सार्वजनिक बागबानी के लिए पौधों की हमेशा मांग करते रहते हैं। नर्सरी नामक इस व्यवसाय को अनेकों भागों में विभाजित किया जा सकता है जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है।

फूटकर प्लांट नर्सरी ( Retails Plant Nursery):

इस तरह की यह नर्सरी अपनी कमाई करने के लिए पौधों को व्यक्तिगत व्यक्तियों को अधिक बेचते हैं जो अपने घरों या कार्यालय के अन्दर या बाहरी लोकेशन पर पौधारोपण करना चाहते हैं। इस तरह की नर्सरी में एक सिमित एकड़ में पौधों का उत्पादन किया जाता है। कभी कभी इस प्रकार की नर्सरी किसी बड़ी नर्सरी से पौधे खरीदकर भी रिटेल में इन्हें बेच देते हैं।

लैंडस्केप प्लांट नर्सरी:

इस प्रकार की नर्सरी को बागबानी का अच्छा अनुभव होता है इस प्रकार की नर्सरी अपने ग्राहकों को बागबानी से सम्बंधित सर्विसेज मुहैया कराती हैं। इस प्रकार की नर्सरी घर से बाहर बागबानी की जिम्मेदारियां लेती हैं। ये अपने प्लांट में खुद ही पौधों को ग्राहकों की आवश्यकतानुसार उत्पादित करते हैं।

कमर्शियल प्लांट नर्सरी :

इस प्रकार का यह Plant Nursery Business करने के लिए उद्यमी को बेहद अधिक निवेश की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इस तरह की नर्सरी में बड़े पैमाने पर पौधों का उत्पादन किया जाता है। क्योंकि इस तरह की ये नर्सरी अपने उत्पाद की व्यवसायिक किसानों, सरकारी प्रोजेक्ट में लगने वाले पेड़ पौधों इत्यादि को प्रदान करते हैं। इसके अलावा छोटी नर्सरीयों को भी ये अपने उत्पाद सस्ती एवं उचित दरों में बेचने का काम करते हैं।

इन तीनों प्रकार की नर्सरी के अलावा एक प्रकार की नर्सरी और होती है जिसमे ग्राहकों को पौधे न बेचकर बीज बेचा जाता है इसे मेल आर्डर नर्सरी कहते हैं।

प्लांट नर्सरी बिज़नेस के लिए आवश्यक कौशल ( Skills Required to Start Plant Nursery Business)

  • उद्यमी को पौधों के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है की उन्हें समुचित विकास के लिए कब किस चीज की आवश्यकता होती है।
  • चूँकि अलग अलग पौधों को अलग अलग जलवायु, सिंचाई, निराई, गुड़ाई, खाद इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए उद्यमी चाहे तो किसी प्रशिक्षण संस्थान से पहले इसकी ट्रेनिंग ले सकता है। या फिर किसी अनुभवी माली इत्यादि को नियुक्त कर सकता है।
  • उद्यमी के पास पौधों को विकसित करने में सहायक प्रक्रियाएं जैसे खाद, सिंचाई, कटाई, तापमान नियंत्रण इत्यादि के लिए सभी  प्रकार के आवश्यक उपकरण खरीदने की क्षमता होनी चाहिए।
  • कीटनाशक एवं पौधों पर लगने वाले रोगों की जानकारी एवं कीटनाशक के इस्तेमाल की जानकारी भी होनी चाहिए।
  • Plant Nursery Business शुरू करने के लिए मैकेनिकल स्किल जैसे सिंचाई की विधि, प्लंबिंग, ग्रीनहाउस वेंटिलेशन, और मिटटी को मिश्रित करने की जानकारी भी होनी चाहिए।
  • इसके अलावा उद्यमी में मार्केटिंग स्किल, एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल इत्यादि की भी आवश्यकता होती है।
  • Plant Nursery Business शुरू करने के लिए जमीन के अलावा भी काफी बड़े निवेश की आवश्यकता होती है इसलिए उद्यमी को आर्थिक रूप से मजबूत होना भी आवश्यक है।

दैनिक तौर पर ध्यान देने योग्य बातें:

  • बीज कटाई के समय किसी भी पौधे के बीज तभी निकाले जाने चाहिए जब वह पूर्ण रूप से परिपक्व हो गए हों और वह भी उन्हें बिना किसी तरह का नुकसान पहुंचाए ऐसा करना बेहद जरुरी है।
  • अंकुरण ट्रे या सीडबेड पर बीज की बोवाई की प्रक्रिया शाम को या सुबह सुबह जल्दी करनी चाहिए।
  • युवा पौधों को कंटेनर या पालीबैग में रोपित कर लेना चाहिए और इनकी मार्केटिंग तभी की जाय जब पौधा तरोताजा एवं खिला हुआ हो।
  • मौसमी प्रचार के लिए वयस्क पौधों का रखरखाव बेहद जरुरी हो जाता है।
  • Plant Nursery Business में प्रशिक्षित एवं अनुभवी मजदूरों का होना बेहद जरुरी है यह इस व्यापार एवं प्लांट के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं।
  • समय से खाद, केमिकल, कीटनाशक, पानी इत्यादि का इस्तेमाल उत्पादकता लागत को कम करने में सहायक होता है।
  • पौधों की प्रजाति के आधार पर उनकी बोवाई, रोपाई, निराई, गुड़ाई, सिंचाई सभी क्रियाओं का पहले से समय सुनिश्चित करना ठीक रहता है।

ध्यान रहे Plant Nursery Business ऐसा बिज़नेस बिलकुल नहीं है की सुबह खोला तो शाम को चल गया बल्कि इस व्यापार से एक सुनिश्चित आय अर्थात कमाई  प्राप्त करने में उद्यमी को वर्षों यहाँ तक की दशकों तक का समय लग सकता है।

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भारत में मौसम के अनुसार सब्जी उगाने का चार्ट कैलेंडर – Vegetable Growing Season Chart In Hindi

भारत में मौसम के अनुसार सब्जी उगाने का चार्ट कैलेंडर - Vegetable Growing Season Chart In Hindi

सब्‍जि‍यों की बुआई व रोपाई का सही समय का कैलेंडर, आपके लिए चीजों को आसान बनाने के लिए, हमने भारत में मौसम के अनुसार सब्जी उगाने का चार्ट (Vegetable Growing Season Chart In Hindi) बनाया है जो आपको घर पर अपनी खुद की सब्जी के बगीचे की योजना बनाने में मदद कर सकता है। भारत में कई सब्जियां उगाई जाती हैं। सब्जियां उगाने और लगाने का समय अलग-अलग होता है। सही समय पर बुवाई करने से सब्जियों का उत्पादन बढ़ता है और बीमारियों में भी कमी आती है।

शहरों में सब्जी उगाने वाले लोगों को अक्सर इस बात की जानकारी नहीं होती है कि किस महीने में कौन सी सब्जी उगाई जाती है और किस सब्जी की नर्सरी तैयार की जाती है। नीचे दी गई जानकारी उन सभी लोगों के लिए फायदेमंद है जो सब्जियों को अपने घर में ही उगाना चाहते हैं।

हम ऐसे देश में रहतें हैं जो लगभग हर तरह की स्थलाकृतिक सुविधा के लिए संभव है। मैदानों से लेकर पहाड़ों तक, माँ प्रकृति हमारे देश के हर कोने में सबसे सुंदर तरीके से निवास करती है। यह आसान कैलेंडर आपको देना एक चुनौती थी, लेकिन हमने उत्तर भारत और दक्षिण भारत के संबंध में आपको सामान्य बुवाई का मौसम प्रदान करने की कोशिश की है। हालाँकि, आप जिस शहर में हैं, उसके बारे में सबसे सटीक विवरण प्राप्त करने के लिए, हम अनुशंसा करते हैं कि आप अपनी स्थानीय नर्सरी से परामर्श करें या बस इसे गूगल में सर्च करें!

वेजिटेबल सीड्स उगाने का कैलेंडर – Vegetable Growing Season Chart In Hindi

नंबर सब्जी का नाम बढ़ते मौसम – उत्तर भारत बढ़ते मौसम – दक्षिण भारत अंकुरण अस्थायी। (° C में) बुवाई विधि बुवाई की गहराई (इंच) बुवाई दूरी (इंच / फीट) परिपक्वता के दिन
1 टिंडा

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
20-30 प्रत्यक्ष 1 बीज के बीच – 12 ”
पंक्तियों के बीच – 12″
70-80 दिन
2 चुकंदर

अक्तूबर-नवंबर अगस्त से नवंबर तक 10-30 प्रत्यक्ष 1 बीज के बीच – 4 ”
पंक्तियों के बीच – 18″
80-90 दिन
3 करेला

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
नव-दिसंबर
दिसंबर-जन
जून-जुल
20-30 प्रत्यक्ष 0.5 बीज के बीच – 1 फीट
पंक्तियों के बीच – 4 फीट
55-60 दिन
4 लौकी

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
नव-दिसंबर
दिसंबर-जन
जून-जुल
20-30 प्रत्यक्ष 1-2 बीज के बीच – 1 फीट
पंक्तियों के बीच – 4 फीट
55-60 दिन
5 ब्रोकोली

अगस्त-सितंबर अगस्त-सितंबर 21-23 प्रत्यारोपण 1.5 बीज के बीच – 1 फीट
पंक्तियों के बीच – 1.5 फीट
90-100 दिन
6 पत्ता गोभी

सितम्बर-अक्टूबर जून-जुलाई
अक्टूबर-नवंबर
10-20 प्रत्यारोपण 0.25 बीज के बीच – 1 फीट
पंक्तियों के बीच – 1.5 फीट
90-100 दिन
7 शिमला मिर्च

नव-जन
मई-जून
जनवरी-फरवरी
मई-जून
अक्टूबर-नवंबर
15-25 प्रत्यारोपण 0.25-0.5 बीज के बीच – 1.5 फीट।
पंक्तियों के बीच – 1.5 फीट।
95-100 दिन
8

बीज यहाँ से खरीदें

अगस्त-सितंबर-अक्टूबर अगस्त से नवंबर तक 10-30 प्रत्यक्ष 0.25 बीज के बीच – 2 ”
पंक्तियों के बीच – 1.5 फीट
75-80 दिन
9

बीज यहाँ से खरीदें

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
जून-जुलाई
सितम्बर-अक्टूबर
दिसम्बर-जनवरी
16-32 प्रत्यक्ष 0.5 पंक्तियों के बीच – 12 ” 50-70 दिन
10 फलियां

फरवरी-मार्च 16-30 प्रत्यक्ष 1-1.5 बीज के बीच – 8 ”
पंक्तियों के बीच – 18″
45-50 दिन
1 1 सलाद (Lettuce)

सितम्बर-अक्टूबर अक्टूबर-दिसंबर 7-27 प्रत्यक्ष / प्रत्यारोपण सतह पर बोना,

मिट्टी के साथ

हल्के से कवर करें

पंक्तियों के बीच – 8 “-12” 45-55 दिन
12 ओकरा (भिंडी)

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
जनवरी-फरवरी
मई-जून
अक्टूबर-दिसंबर
20-32 प्रत्यक्ष 0.5 बीज के बीच – 12 ”
पंक्तियों के बीच – 18″
45-50 दिन
13

बीज यहाँ से खरीदें

मई-जून मार्च-अप्रैल
मई-जून
सेप्ट-ऑक्ट
10-32 प्रत्यारोपण 0.25 बीज के बीच – 4 फीट।
पंक्तियों के बीच – 6 फीट
150-160 दिन
14

बीज यहाँ से खरीदें

सितम्बर-अक्तूबर-नवंबर सितम्बर -अक्तूबर-नवंबर 10-22 प्रत्यक्ष 1 बीज के बीच – 4 ”
पंक्तियों के बीच – 12″
55-60 दिन
15

बीज यहाँ से खरीदें

अगस्त-जन -depends- 10-30 प्रत्यक्ष 0.5 बीज के बीच – 2 ”-3”
पंक्तियों के बीच – 12 ”
40-45 दिन
16 पालक

सितम्बर-नवंबर
फ़रवरी
सितम्बर-अक्तूबर-नवंबर 10-22 प्रत्यक्ष 0.5 बीज के बीच – 3 ”
पंक्तियों के बीच – 9″
60 दिन
17 टमाटर

जून-अगस्त
Nov-Dec
जनवरी-फरवरी
जून-जुलाई
अक्टूबर-नवंबर
20-30 प्रत्यारोपण 0.25 बीज के बीच – 1 फीट
पंक्तियों के बीच – 2.5 फीट
110-115 दिन
18

बीज यहाँ से खरीदें

अक्तूबर-नवंबर अक्तूबर-नवंबर 15-35 प्रत्यक्ष 0.5 बीज के बीच – 4 ”
पंक्तियों के बीच – 1.5 फीट
40-50 दिन
19 फूलगोभी (प्रारंभिक)

मध्य जून जून-जुल
अगस्त-सितंबर
25-27 प्रत्यारोपण 0.5 बीज के बीच – 2 फीट
पंक्तियों के बीच – 2 फीट
120-125 दिन
20 फूलगोभी (देर से)

अगस्त-सितंबर-अक्टूबर जून-जुलाई 16-20 प्रत्यारोपण 0.5 बीज के बीच – 2 फीट
पंक्तियों के बीच – 2 फीट
120-125 दिन
21 फूलगोभी (मध्य सीजन)

सितम्बर-अक्टूबर जून-जुल
अगस्त-सितंबर
<16 प्रत्यारोपण 0.5 बीज के बीच – 2 फीट
पंक्तियों के बीच – 2 फीट
120-125 दिन
22 आलू अक्टूबर-दिसंबर अक्टूबर-दिसंबर 4 प्रत्यक्ष 4 पंक्तियों के बीच – 12 “-18” 70-120 दिन
23 कद्दू

जन-मार
सेप्ट-दिसंबर
मई-जून
जून-जुल
दिसंबर-जनवरी
20-35 प्रत्यक्ष 1 बीज के बीच – 24 ”-48” 70-75 दिन
24 मक्का

अक्तूबर-नवंबर सितम्बर-अक्टूबर 10 प्रत्यक्ष 1-1.5 बीज के बीच – 4 ”-6”
पंक्तियों के बीच – 30 ”-36”
60-100 दिन
25 खरबूज

फरवरी-मार्च
जून-जुलाई
जन-फरवरी
मार्च-जून
अक्टूबर-दिसंबर
22-32 प्रत्यक्ष 1 पंक्तियों के बीच – 18 “-24” 70-85 दिन

हां, यह कैलेंडर सभी सब्जियों को सूचीबद्ध नहीं करता है, लेकिन यदि आप घर पर किसी अन्य सब्जी को उगाने की योजना बना रहे हैं, तो यह मौसम के अनुसार सब्जी उगाने का चार्ट आपकी मदद ज़रूर करेगा।

आप में से जो लोग घर के बगीचे के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे हैं, हमने आपके लिए आसानी से उगने वाली और अधिक उपज देने वाली सब्जियों के बारे में इस चार्ट में बताया है।

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गमले में नींबू का पेड़ (पौधा) उगाने की पूरी जानकारी

पुदीना घर पर कैसे उगाएं

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